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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली के यमुनापार इलाके के घोंडा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के चुनावी अभियान का आगाज किया। प्रधानमंत्रीमोदी ने इस जनसभा के दौरान क्षेत्रवासियों को विकास की सौगात देते हुए बीजेपी की सियासी रणनीति का बिगुल फूंक दिया। दिल्ली विधानसभाचुनाव के लिए चुनावी अभियान में बीजेपी ने यमुनापार की सीटों पर खास ध्यान केंद्रित किया है।

बीजेपी का लक्ष्य 27 साल का वनवास खत्म करना
बीजेपी को दिल्ली की सत्ता से 27 साल से बाहर होने का खामियाजा भुगतना पड़ा है, और पार्टी इस बार सत्ता में वापसी के लिए हर संभव प्रयास कररही है। बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहले ही दिन से यह दावा किया है कि यदि उसकी सरकार बनती है, तो वह मौजूदा मुफ्त योजनाओं कोजारी रखेगी, जो आम आदमी पार्टी की योजनाओं के समान हैं। बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर करने की अपनी रणनीति को इसआधार पर तैयार किया है।

पीएम मोदी का केजरीवाल पर हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने यमुनापार की रैली के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आम आदमी पार्टी को’आपदा’ करार देते हुए दिल्लीवासियों से बीजेपी को एक मौका देने की अपील की। मोदी ने कहा कि दिल्ली की वर्तमान बदहाली के लिए कांग्रेसऔर आप सरकार जिम्मेदार हैं, जिन्होंने दिल्ली के विकास को नकारा। उन्होंने बीजेपी के लिए वोट देने की अपील करते हुए कहा कि यदि वह दिल्लीमें सत्ता में आते हैं, तो वे दिल्ली के हर नागरिक का ख्याल रखेंगे।

यमुनापार की सीटों पर विशेष फोकस
बीजेपी का मुख्य फोकस इस बार यमुनापार इलाके पर है, क्योंकि यह क्षेत्र दिल्ली की सत्ता की दिशा तय करता है। यमुनापार इलाके में कुल 20 विधानसभा सीटें आती हैं, और 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इनमें से छह सीटें जीती थीं। इस बार, बीजेपी ने यमुनापार की सीटों परध्यान केंद्रित करते हुए अपने चुनावी अभियान को मजबूत किया है। पीएम मोदी की रैली के दौरान पार्टी ने यमुनापार इलाके के प्रत्याशियों के लिएवोट की अपील की है।

यमुनापार इलाके का जातीय समीकरण
बीजेपी ने यमुनापार इलाके के जातीय और सामाजिक समीकरण को अपने पक्ष में पाया है। 2020 के चुनाव में बीजेपी ने यमुनापार के छह सीटों परजीत हासिल की थी, और 2024 लोकसभा चुनाव में इस इलाके में बीजेपी को 13 सीटों पर बढ़त मिली थी। इसके अलावा, 2020 के दिल्ली दंगेके दौरान यमुनापार का इलाका प्रभावित हुआ था, जिसका धार्मिक ध्रुवीकरण में बीजेपी को लाभ मिल सकता है।

BJP की रणनीति और सियासी समीकरण
बीजेपी ने यमुनापार इलाके में अपनी रणनीति को और मजबूत किया है, खासकर इस क्षेत्र के सामाजिक और जातीय समीकरण को देखते हुए। जहांसीलमपुर, मुस्तफाबाद और बाबरपुर सीटें मुस्लिम बहुल हैं, वहीं अन्य सीटें हिंदू बहुल हैं। केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा और बीजेपी के नेता वीरेंद्र सचदेवाभी यमुनापार इलाके से आते हैं, जिससे पार्टी को यहां के सियासी माहौल में बढ़त मिली है।

बीजेपी का उद्देश्य दिल्ली में वापसी
बीजेपी की योजना इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में यमुनापार की सीटों के जरिए 27 साल के सियासी वनवास को समाप्त करने की है। पार्टी नेइस इलाके की सीटों पर खास ध्यान दिया है, जिससे दिल्ली की सत्ता में वापसी की उम्मीद की जा रही है।

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