दिल्ली चुनाव 2025 के नतीजे भाजपा के लिए ऐतिहासिक साबित हुए। पार्टी ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की। वहीं, यह नतीजे मुख्यमंत्रीअरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए बड़ा झटका साबित हुए।
केजरीवाल के राजनीतिक सफर को बड़ा झटका
भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से राजनीति में कदम रखने वाले केजरीवाल ने AAP को 12 साल में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। 2015 और 2020 में प्रचंड बहुमत से दिल्ली की सत्ता संभालने के बाद, 2025 के चुनाव में वह अपनी पार्टी को हार से बचाने में असफल रहे। यह हार उनके राजनीतिककरियर और पार्टी के अस्तित्व के लिए खतरे का संकेत है।
2014 की हार से भी बड़ी हार
2014 में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़कर केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन वहां हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद दिल्ली में दो बार भारी जनादेश के साथ सत्ता में लौटे, लेकिन 2025 के चुनावों में जनता की नब्जको समझने में चूक गए।
नई दिल्ली सीट पर हार
नई दिल्ली विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को 4013 वोटों के अंतर से हराया। शुरुआती राउंड में बढ़त बनानेके बावजूद केजरीवाल छठे राउंड से लगातार पिछड़ते चले गए।
अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक सफर
2012: आम आदमी पार्टी की स्थापना
अरविंद केजरीवाल ने 2012 में आम आदमी पार्टी का गठन किया। उनका चुनाव चिह्न झाड़ू, भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके आंदोलन का प्रतीक था।
2013: पहली बार चुनाव और सरकार
AAP ने 2013 में पहली बार चुनाव लड़ा। इस चुनाव में केजरीवाल ने तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराकर चर्चा में आए। हालांकि, त्रिशंकु विधानसभा में AAP ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई, जो 49 दिन बाद गिर गई।
2015: प्रचंड बहुमत और दिल्ली की सत्ता
2015 के विधानसभा चुनाव में AAP ने 70 में से 67 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। इसके बाद 2020 में पार्टी ने लगातार तीसरी बार सत्ताहासिल की।
राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार
पंजाब में सरकार बनाने के साथ ही AAP ने गोवा और गुजरात में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस सफलता के बाद AAP को राष्ट्रीय पार्टी कादर्जा मिला।
2024: शराब घोटाले में गिरफ्तारी
2024 में शराब घोटाले में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद सेइस्तीफा दे दिया, और आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली.
केजरीवाल का प्रारंभिक जीवन
हरियाणा से आईआईटी तक का सफर
अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के हिसार में हुआ। उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री लीऔर टाटा स्टील, जमशेदपुर में काम किया।
समाजसेवा में कदम
सिविल सर्विसेज की तैयारी के दौरान उन्होंने मदर टेरेसा के साथ दो महीने वॉलंटियरिंग की। बाद में उन्होंने “परिवर्तन” नामक एनजीओ की स्थापना की, जिसने आरटीआई एक्ट लागू कराने में अहम भूमिका निभाई।
अन्ना हजारे के साथ जन लोकपाल आंदोलन
अरविंद केजरीवाल ने अन्ना हजारे के साथ मिलकर जन लोकपाल बिल लाने के लिए आंदोलन किया, जिससे उन्हें बड़ी पहचान मिली।
व्यक्तिगत जीवन
केजरीवाल ने 1994 में सुनीता केजरीवाल से शादी की। उनके दो बच्चे हैं।