फिल्म अभिनेता और तमिलगा वेत्रि कझगम (TVK) पार्टी के प्रमुख थालापति विजय ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तमिलनाडु कीसत्ताधारी पार्टी द्रमुक (DMK) का मजाक उड़ाया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दोनों दलों के बीच चल रहे हैशटैग विवाद को लेकर तीखीटिप्पणी की। विजय का कहना है कि भाजपा और द्रमुक जैसे गंभीर मुद्दों को हल्के में ले रहे हैं, जो कि समाज के लिए चिंताजनक है।
विजय का बयान
मामल्लपुरम में बुधवार को TVK की पहली वर्षगांठ समारोह के दौरान विजय ने कहा कि त्रिभाषा नीति पर भाजपा ने द्रमुक के ‘गेट आउट मोदी’ काजवाब ‘गेट आउट स्टालिन’ से दिया। उन्होंने इसे एलकेजी और यूकेजी के बच्चों की लड़ाई से तुलना करते हुए कहा कि यह एक बचकाना व्यवहार है।विजय ने स्पष्ट किया कि केंद्र का कर्तव्य धन मुहैया कराना है, जबकि राज्य का अधिकार है धन प्राप्त करना। उन्होंने कहा, “हमारे राजनीतिक औरवैचारिक दुश्मन सोशल मीडिया पर हैशटैग के साथ खेल रहे हैं। यह सब क्या है? दोनों पक्ष लड़ने का दिखावा कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि हमइसे सच मान लें।”
सभी भाषाओं का सम्मान
विजय ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि उनकी पार्टी सभी भाषाओं का सम्मान करती है, लेकिन किसी अन्य भाषा के लिए अपने आत्मसम्मान कोनहीं छोड़ सकती। उन्होंने कहा, “कोई भी व्यक्ति कोई भी भाषा सीख सकता है, लेकिन सहकारी संघवाद और राज्य की स्वायत्तता का उल्लंघन करनाऔर किसी अन्य भाषा को थोपना अस्वीकार्य है।” विजय ने यह स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी राज्य की भाषा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बनाएरखेगी।
अन्नामलाई का पलटवार
इस बीच, तमिलनाडु भाजपा के प्रमुख के अन्नामलाई ने विजय पर निशाना साधा है। उन्होंने कोयंबटूर में कहा, “कोई भी किसी भाषा को नहीं थोप रहाहै। आप (विजय) जो उपदेश देते हैं, उसका पालन करें और झूठ न बोलें।” अन्नामलाई का यह बयान विजय के आरोपों के जवाब में आया है, जिसमेंउन्होंने भाजपा और द्रमुक के बीच चल रहे विवाद को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की थी।
राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
विजय का यह बयान उस समय आया है जब तमिलनाडु में भाषा विवाद एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। त्रिभाषा नीति को लेकर भाजपा और द्रमुकके बीच तीखी बहस चल रही है। विजय ने इस मुद्दे पर अपनी पार्टी की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वे किसी भी भाषा के प्रति सम्मान रखते हैं, लेकिन अपनी मातृभाषा के प्रति भी अपनी जिम्मेदारियों को नहीं भूलेंगे।
थालापति विजय का यह बयान न केवल भाजपा और द्रमुक के बीच की राजनीतिक लड़ाई को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसेराजनीतिक दल गंभीर मुद्दों को हल्के में लेते हैं। विजय ने अपनी बातों के माध्यम से यह संदेश दिया है कि राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के बीच समाज केमहत्वपूर्ण मुद्दों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उनकी टिप्पणियाँ इस बात का संकेत हैं कि वे अपनी पार्टी के माध्यम से एक सकारात्मकऔर समावेशी राजनीति की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं।