"National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |     "National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |     "National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |    

तमिलनाडु के तिरुपथुर जिले के एक सरकारी स्कूल में छात्रों से टॉयलेट साफ करवाने की घटना सामने आई है, जिसने पेरेंट्स और स्थानीय लोगों कोआक्रोशित कर दिया। इस मामले के उजागर होने के बाद स्कूल की प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है। इस घटना ने स्कूलों में छात्रों से गैर-शैक्षणिक कार्य करवाने और उनके अधिकारों के हनन की गंभीर समस्या को एक बार फिर से उजागर किया है।

*घटना का विवरण*
तिरुपथुर जिले के एक सरकारी स्कूल में छात्रों से सफाई कर्मियों की कमी के कारण टॉयलेट और स्कूल परिसर की सफाई करवाई गई। पेरेंट्स काआरोप है कि बच्चों से केवल टॉयलेट की सफाई ही नहीं, बल्कि पानी भरने और अन्य काम भी करवाए जाते हैं। यह सब बच्चों की पढ़ाई को प्रभावितकरता है और उनके अधिकारों के खिलाफ है।

पेरेंट्स ने स्कूल प्रशासन पर बच्चों की गरिमा को ठेस पहुंचाने और उनके साथ अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगाया।

*पेरेंट्स की नाराजगी*
घटना के बाद पेरेंट्स ने स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि बच्चों को शिक्षा के लिए स्कूल भेजा जाता है, न कि सफाई जैसेकामों के लिए। एक पेरेंट ने कहा, “हम अपने बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेजते हैं। इस तरह के काम उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति पर बुराअसर डालते हैं और उनके आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचाते हैं।”

प्रशासन का कदम
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने स्कूल का निरीक्षण किया। जांच में पुष्टि हुई कि बच्चों से सफाई करवाने काकाम हो रहा था। इस पर कार्रवाई करते हुए प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया और स्कूल प्रशासन को निर्देश दिए गए कि भविष्य में ऐसी घटनाएंन हों। डीईओ ने इसे गंभीर और अनुचित करार दिया।

कानूनी और नैतिक पहलू
भारत में *बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986*
के तहत बच्चों से किसी भी प्रकार का श्रम करवाना गैरकानूनी है। साथ ही, **शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009** बच्चों को मुफ्त और अनिवार्यशिक्षा का अधिकार देता है। यह घटना बच्चों के अधिकारों और गरिमा का स्पष्ट उल्लंघन है।

समाज की भूमिका
ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समाज और पेरेंट्स को सतर्क रहना होगा। बच्चों के साथ किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार पर तुरंत संबंधित अधिकारियोंको सूचित करना चाहिए।

तमिलनाडु की यह घटना शिक्षा प्रणाली में मौजूद खामियों को दर्शाती है। छात्रों से इस तरह के काम करवाना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्किउनके भविष्य के साथ अन्याय भी है। प्रशासन ने प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है, लेकिन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी निगरानीऔर सख्त नियम लागू करने की आवश्यकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *