तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में पोंगल त्योहार के अवसर पर आयोजित जल्लीकट्टू खेल के दौरान दो लोगों की जान चली गई। मरने वालों में एकनाबालिग भी शामिल था। यह हादसा उस समय हुआ जब दोनों दर्शक सांडों के हमले में बुरी तरह घायल हो गए थे।
मदुरै में 42 लोग घायल
मदुरै जिले के पलामेडु में आयोजित जल्लीकट्टू में 42 लोग घायल हो गए, जिनमें 14 पशु प्रशिक्षक और 16 दर्शक शामिल हैं। इसके अलावा, अवनियापुरम में आयोजित जल्लीकट्टू में भी करीब 75 लोग घायल हुए, जिनमें सांडों के मालिक और प्रशिक्षक मुख्य रूप से प्रभावित हुए।
*पारंपरिक खेल पर उठे सवाल*
जल्लीकट्टू तमिलनाडु की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं का एक अहम हिस्सा है। हर साल पोंगल के अवसर पर इस खेल का आयोजन कियाजाता है। हालांकि, इन हादसों ने एक बार फिर सुरक्षा उपायों और पशु क्रूरता से जुड़े मुद्दों को सामने ला दिया है।
सरकार का रुख और सुधार के प्रयास
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए आर्थिक सहायता की घोषणा की है। उन्होंनेअधिकारियों को भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
भविष्य के लिए जरूरी कदम
पशु अधिकार संगठनों और विशेषज्ञों ने भी जल्लीकट्टू के दौरान सुरक्षा और पशु कल्याण पर ध्यान देने की अपील की है। यह आवश्यक है कितमिलनाडु सरकार और संबंधित संगठन मिलकर इस पारंपरिक खेल को सुरक्षित और मानवीय तरीके से आयोजित करने के उपाय सुनिश्चित करें।