साल 2020 में चीन से आए कोरोना वायरस ने भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में तबाही मचा दी थी, हर जगह लाशों के ढेर मिल रहे थे. कोरोना के कारण लाखों लोगों ने अपने अपने परिवार वालों को खोया है. वहीं अब हाल ही में चीन में मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए, भारत सरकार ने स्थिति पर सतर्क दृष्टि रखते हुए जरूरी कदम उठाए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारत ऐसी बीमारियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और नागरिकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
WHO ने बैठक में दी जानकारी
मंत्रालय ने संयुक्त निगरानी समूह (JMG) की बैठक आयोजित की, जिसमें WHO, ICMR, और AIIMS दिल्ली सहित प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। बैठक में तय किया गया कि HMPV की निगरानी और जांच के लिए प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही, ICMR सालभर इस वायरस की निगरानी करेगा। अब तक निगरानी में किसी असामान्य वृद्धि का पता नहीं चला है।
वायरस से सतर्क रहने की आवश्यकता
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि HMPV मुख्य रूप से सर्दी-जुकाम का कारण बनता है और यह बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों में फ्लू जैसे लक्षण उत्पन्न कर सकता है। चीन में श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि को मौसमी इन्फ्लूएंजा, RSV, और HMPV जैसे सामान्य वायरसों से जोड़ा जा रहा है। नागरिकों को स्वच्छता का पालन करने और लक्षण महसूस होने पर डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी गई है।
राज्यों सरकारों ने भी जारी की गाइडलाइन
केरल और तेलंगाना की राज्य सरकारों ने भी स्थिति पर सतर्कता बरतने और लोगों को जागरूक रहने की सलाह दी है। तेलंगाना के जन स्वास्थ्य निदेशक बी. रविंदर नायक ने बताया कि राज्य में अभी तक HMPV का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है।
वायरस पर चीन ने क्या दी सफाई?
वहीं दूसरी तरफ चीन ने भी इस दौरान ये स्पष्ट किया है कि देश में फ्लू का कोई विशेष प्रकोप नहीं है और सर्दियों में श्वसन संबंधी समस्याएं सामान्य हैं। चीन ने अपनी यात्रा को सुरक्षित बताया है।