चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उम्मीदवार हरप्रीत कौर बबला को मेयर पद पर जीत मिली, जबकि कांग्रेस ने सीनियरडिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पदों पर कब्जा किया। इन चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने गठबंधन किया था, लेकिन क्रॉस वोटिंगके चलते परिणाम अप्रत्याशित रहे।
बीजेपी की हरप्रीत कौर बबला बनीं मेयर
चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव में बीजेपी की हरप्रीत कौर बबला को 19 वोट मिले और उन्होंने जीत दर्ज की। चुनाव में क्रॉस वोटिंग का असरदिखा, जिससे AAP-कांग्रेस गठबंधन को झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इस बार चुनावों की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिएवीडियोग्राफी और पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई थी। सीनियर और डिप्टी मेयर पद कांग्रेस के खाते में
सीनियर डिप्टी मेयर: कांग्रेस के जसबीर सिंह बंटी को 19 वोट मिले और उन्होंने बीजेपी की विमला देवी को हराया। डिप्टी मेयर: कांग्रेस की तरुणामेहता ने जीत हासिल की, जो पहले AAP में थीं लेकिन मई 2023 में कांग्रेस में शामिल हो गईं।
नगर निगम चुनावों के अहम बिंदु
मेयर पद पर बीजेपी की वापसी, हरप्रीत कौर बबला को 19 वोट मिले। सीनियर डिप्टी मेयर पद पर कांग्रेस के जसबीर सिंह बंटी जीते। डिप्टी मेयरपद पर भी कांग्रेस की तरुणा मेहता को जीत मिली। कुल तीन पदों में से बीजेपी को एक और कांग्रेस को दो सीटों पर जीत मिली।अगर क्रॉस वोटिंगनहीं होती, तो AAP-कांग्रेस गठबंधन की जीत तय थी।
क्या कांग्रेस ने AAP के साथ राजनीतिक खेल किया?
दिल्ली विधानसभा चुनावों के बीच हुए चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों में AAP को करारा झटका लगा। पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर मेयर पद केलिए उम्मीदवार उतारा, लेकिन क्रॉस वोटिंग के चलते हार का सामना करना पड़ा। वहीं, सीनियर और डिप्टी मेयर पद पर कांग्रेस ने आसानी से जीतदर्ज की।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस ने रणनीति के तहत AAP को नुकसान पहुंचाया? क्योंकि क्रॉस वोटिंग केवल मेयर पद के चुनाव में ही हुई, जबकि सीनियर और डिप्टी मेयर के चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवारों को पूरा समर्थन मिला। इस राजनीतिक उलटफेर ने AAP की जीत कीसंभावनाओं को कमजोर कर दिया और बीजेपी के लिए रास्ता साफ कर दिया।