आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोरदिया। आरोपी सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को दोषी ठहराए जाने के बाद अब सभी की निगाहें 20 जनवरी 2025 को होने वाले सजा के ऐलान परहैं। आइए इस मामले से जुड़ी हर जानकारी पर नजर डालते हैं।
घटना का विवरण
9 अगस्त 2024 को अस्पताल के सेमिनार हॉल में पीड़िता का शव संदिग्ध अवस्था में मिला। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यौन शोषण और गला घोंटकरहत्या की पुष्टि हुई। इस वीभत्स घटना के बाद डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने सुरक्षा की मांग करते हुए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए।
मुख्य आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
घटना के एक दिन बाद, पुलिस ने सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया। सीसीटीवी फुटेज में संजय रॉय को घटना स्थल के पास देखागया था। घटनास्थल पर पाया गया ब्लूटूथ डिवाइस*भी आरोपी की मौजूदगी की पुष्टि करता है।
जांच और सबूत
पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच करते हुए फोरेंसिक सबूत और गवाहों के बयान दर्ज किए। बता दें कि जांच के दौरान कुल 50 गवाहों सेपूछताछ की गई है।
अदालत में सुनवाई (12 नवंबर 2024 – 9 जनवरी 2025)
मामले की सुनवाई सियालदह की अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत में बंद कमरे में हुई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने सबूत और गवाह पेशकिए। अदालत ने 9 जनवरी 2025 को आरोपी संजय रॉय को दोषी करार दिया।भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 376 (बलात्कार) और201 (सबूत मिटाने का प्रयास) के तहत दोष सिद्ध हुआ।
आरोपी का बयान
दोषी करार दिए जाने के बाद संजय रॉय ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उसे झूठे आरोपों में फंसाया गया है।आरोपी ने दावा किया कि इसअपराध में कुछ प्रभावशाली लोग शामिल हो सकते हैं। अदालत ने उसे सजा से पहले अपना पक्ष रखने का अवसर दिया है।
पीड़िता के परिवार की प्रतिक्रिया
पीड़िता के परिवार ने अदालत के फैसले का स्वागत किया लेकिन जांच पर असंतोष जताया। बता दें कि उनका मानना है कि अपराध में संभवतः औरलोग भी शामिल हो सकते हैं। इसलिए मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए।