कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ हुई बलात्कार और हत्या की घटना के बाद, पीड़ितपरिवार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य सरकारी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मृतक डॉक्टर के माता-पिता का कहनाहै कि राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों ने अपराध के सबूतों को नष्ट करने के प्रयास किए और मामले में शामिल मुख्य षड्यंत्रकारियों को बचानेकी कोशिश की।
पीड़िता की फैमिली के आरोप
मृतक डॉक्टर की मां ने एक प्रमुख बंगाली टीवी चैनल से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि कोलकाता पुलिस, अस्पताल प्रशासन और सत्तारूढ़तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने इस घिनौनी घटना को दबाने की कोशिश की। उनका कहना था कि इन अधिकारियों का उद्देश्य सच्चाई को सामने आनेसे रोकना था, ताकि जिम्मेदार लोगों को बचाया जा सके। मृतका के शव को पिछले साल 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल मेंपाया गया था।
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पुलिस प्रशासन को इस मामले में अपनी जिम्मेदारी से भागने का कोई अधिकार नहीं है। यह घटनासरकारी अधिकारियों की विफलता का परिणाम है और उन्हें इसे स्वीकार करना होगा।’’
मामले में आगे की कार्रवाई
इस मामले में सीबीआई ने संजय रॉय को दोषी ठहराया और उसकी फांसी की सजा की मांग करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।सीबीआई ने मामले में बड़ी साजिश के पहलू को नजरअंदाज करने का आरोप भी लगाया है। 20 जनवरी को, निचली अदालत ने संजय रॉय कोबलात्कार और हत्या मामले में मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
कलकत्ता हाई कोर्ट में इस याचिका पर 27 जनवरी को सुनवाई होने वाली है। न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सीबीआई कीअपील पर सुनवाई का दिन तय किया है, साथ ही पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर भी सुनवाई की जाएगी, जिसमें फांसी की सजाकी मांग की गई है।
कुणाल घोष की प्रतिक्रिया
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने इस मामले में पीड़ित परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसालगता है कि ये टिप्पणियां कुछ ताकतों द्वारा प्रेरित हैं जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस को बदनाम करना चाहती हैं।’’ कुणाल घोष नेयह भी कहा कि इस तरह के आरोप केवल राजनीतिक साजिश के तहत लगाए जा रहे हैं, ताकि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल कियाजा सके।
मामले का राजनीतिक पहलू
इस घटना के बाद राज्य में राजनीति गर्मा गई है। जहां एक ओर पीड़ित परिवार आरोप लगा रहा है कि सरकारी अधिकारियों ने सच्चाई को दबाने कीकोशिश की, वहीं दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश बता रही है। इस विवाद ने केवल कानूनी मामलों को ही नहींबल्कि राज्य की राजनीति को भी प्रभावित किया है।