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कोटरंका के बधाल गांव में तीन परिवारों के 17 सदस्यों की रहस्यमय बीमारी से मौत के बाद क्षेत्र में मेडिकल अलर्ट जारी कर दिया गया है। इनमें सेआठ मौतें अकेले 12 जनवरी के बाद हुई हैं। इस संकट को देखते हुए जीएमसी राजौरी के सभी डॉक्टरों और पैरामेडिक्स की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।

आइसोलेशन सेंटर में शिफ्ट किए गए करीबी रिश्तेदार
शनिवार को, पीड़ित परिवारों के लगभग 200 करीबी रिश्तेदारों को एक आइसोलेशन सेंटर में शिफ्ट किया गया। इसके अलावा, कुछ अन्य ग्रामीण भीविभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं, और वे सामूहिक मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए की जा रही जांच में शामिल हैं। अधिकारियों ने संदिग्धविषाक्त पदार्थों (जहरीले पदार्थों) के कारणों की पहचान करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।

गांव को सुरक्षित रखने पर जोर
रहस्यमय मौतों के बाद, बधाल गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। इसके तहत, सभी सार्वजनिक और निजी समारोहों पर निषेधाज्ञा लगादी गई है। जीएमसी राजौरी के प्रिंसिपल डॉ. अमरजीत सिंह भाटिया ने बताया कि मेडिकल अलर्ट की स्थिति से निपटने के लिए सर्दियों की छुट्टियां भीरद्द कर दी गई हैं।

अतिरिक्त मेडिकल छात्रों की तैनाती
जम्मू-कश्मीर सरकार ने स्वास्थ्य स्थिति को संभालने के लिए जीएमसी राजौरी में 10 अतिरिक्त मेडिकल छात्रों की प्रतिनियुक्ति की है। यह कदममेडिकल सेटअप को मजबूत करने और क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

अभी भी जांच जारी
अधिकारियों के अनुसार, केंद्रीय टीम और पुलिस ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। मोहम्मद फजल, मोहम्मद असलम और मोहम्मद रफीकके परिवारों के चार वयस्कों और 13 बच्चों की रहस्यमय बीमारी के कारण मौत हुई थी। जांच के दौरान, मृतकों के नमूनों में कुछ न्यूरोटॉक्सिन पाए गएहैं, जिसके बाद 11 सदस्यीय एसआईटी ने आपराधिक पहलू की जांच भी शुरू की। अब तक 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है।

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