नई दिल्ली, 15 फरवरी: कांग्रेस ने देशभर में चल रहे निजी कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करने की मांग की है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि ये संस्थानमुनाफाखोरी कर रहे हैं और छात्रों व उनके अभिभावकों से कड़ी मेहनत की कमाई लूट रहे हैं। कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि इन कोचिंग संस्थानोंकी बाढ़ आ चुकी है, क्योंकि सरकारी संस्थानों को कमजोर किया गया है, और यह निजी संस्थान युवाओं के उज्जवल भविष्य का सपना बेच रहे हैं।
सरकारी संस्थानों को कमजोर करने का आरोप
कन्हैया कुमार ने नई दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “देशभर में कोचिंग संस्थान छात्रों से मोटी फीस वसूलते हैं औरकई बार ये संस्थान अचानक गायब हो जाते हैं, लाखों रुपये हड़पने के बाद।” उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब सरकारी स्कूलोंऔर अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलेंगी, तो लोग स्वाभाविक रूप से निजी संस्थानों की ओर रुख करेंगे, जिससे कोचिंग संस्थानों ने शिक्षाको मुनाफे का कारोबार बना दिया।
विद्यार्थियों पर बढ़ता दबाव और आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं
कन्हैया कुमार ने आगे कहा कि सरकार और बाजार के बीच फंसे देश के विद्यार्थी मानसिक और शारीरिक दबाव का सामना कर रहे हैं। उन्होंने बतायाकि कई मामलों में एक पद के लिए 100 रिक्तियां होती हैं, लेकिन लाखों उम्मीदवार कोचिंग संस्थानों के मदद से प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेने कीकोशिश करते हैं। इससे कुछ छात्रों पर अत्यधिक दबाव बढ़ जाता है, जिससे देशभर में आत्महत्या की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने बताया कि हर 24 घंटेमें करीब 28 छात्र आत्महत्या कर रहे हैं, जो व्यवस्था की विफलता को दर्शाता है।
यूपीए सरकार का अहम कदम
कन्हैया कुमार ने यूपीए सरकार के एक अहम फैसले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “पहले सीबीएसई परीक्षा के बाद बड़ी संख्या में छात्र आत्महत्याकर लेते थे, लेकिन यूपीए सरकार ने यह फैसला लिया कि छात्र पास या फेल नहीं होंगे, बल्कि उन्हें ग्रेड दिए जाएंगे।” इस फैसले ने आत्महत्या कीघटनाओं को नियंत्रित किया था।
पारदर्शी तरीके से भरे जाएं सरकारी पद: कन्हैया कुमार
कन्हैया कुमार ने सरकार से यह मांग की कि खाली सरकारी पदों पर पारदर्शी तरीके से नियुक्तियां की जाएं और इस प्रक्रिया में किसी प्रकार कीधांधली न हो। उन्होंने यह भी कहा कि देश में बेरोजगारी का स्तर ऐतिहासिक रूप से उच्चतम पर पहुंच चुका है, और पीएचडी करने के बाद भी छात्रोंको नौकरी नहीं मिल रही है।
कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करने की आवश्यकता
कन्हैया कुमार ने कोचिंग संस्थानों के लिए नियमन की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि देश में आईएएस, इंजीनियर और डॉक्टर बनाने वालेजो कोचिंग संस्थान हैं, उन्हें रेगुलेट किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि कोचिंग संस्थान अपने काम में जिम्मेदारी और ईमानदारी सेकार्य करें, ताकि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो सके।