कांग्रेस ने आज भारतीय जनता पार्टी पर बिना किसी आधार पर आरोप लगाते के हुए पलटवार किया. कि उसने USAID जैसी एजेंसियों के माध्यम सेविदेशी फंडिंग प्राप्त की है. पार्टी ने RSS पर आरोप लगाया कि उसने पंडित जवाहरलाल नेहरू और श्रीमती इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेससरकारों को अस्थिर करने के लिए CIA से पैसे लिए. “RSS हमेशा अमेरिका का कठपुतली रहा है” पार्टी के प्रवक्ता और AICC मीडिया और प्रचारविभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने आज यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान remarked किया. उन्होंने 2012 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार कोअस्थिर करने के लिए अन्ना हजारे-केजरीवाल के नेतृत्व वाले प्रदर्शनों के लिए फोर्ड फाउंडेशन की विशाल फंडिंग का भी उल्लेख किया. भारत मेंमतदाता टर्नआउट के लिए $21 मिलियन यूएसएआईडी के आधारहीन आरोपों को लेकर कटाक्ष किया. इन आरोपों को झूठा साबित करने वाली एकसमाचार पत्र की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए उन्होंने डोभाल से पूछा कि अगर यूएसएआईडी वास्तव में भारत में $21 मिलियन डाल रहा था तो वहक्या कर रहे थे. उन्होंने सरकार को बताया कि यह आपके चेहरे पर एक थप्पड़ है कि आप आज पकड़े गए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि यह सहायतावास्तव में यूएसएआईडी द्वारा बांग्लादेश भेजी गई थी.
यूएसआईडी ने डाली धनराशि
जब यूएसएआईडी ने एक पड़ोसी देश में इतनी धनराशि डाली ताकि वहां की सरकार को अस्थिर किया जा सके. तब आईबी और रॉ क्या कर रहे थे।एक संक्षिप्त टिप्पणी में उन्होंने कहा कि उन्हें मोदी के मित्र गौतम अडानी के लिए बुरा लगा, जो वहां के शासन परिवर्तन के कारण नुकसान उठाते है. जिसे कथित तौर पर यूएसएआईडी द्वारा वित्त पोषित किया गया था. भाजपा की कांग्रेस पर विदेशी सहायता लेने के आरोप लगाने की पर सवालउठाते हुए खेरा ने एक पूर्व सीआईए एजेंट द्वारा किए गए खुलासों का उल्लेख किया. जिसमें उन्होंने बताया कि आरएसएस को “गाय संरक्षण” प्रदर्शनोंके लिए विशाल सहायता मिली जिसका असली उद्देश्य पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा नेतृत्व वाली सरकार को अस्थिर करना था। उन्होंने कहा किआरएसएस ने तब के कांग्रेस अध्यक्ष के. कामराज की हत्या की योजना भी बनाई थी.
सुब्रमण्यम स्वामी की यात्रा का किया उल्लेख
कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका के साथ अपने संबंधों को जारी रखते हुए आरएसएस ने 1974 में इंदिरा गांधी के खिलाफ जय प्रकाशनारायण के आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका की मदद भी ली. उन्होंने उस समय आरएसएस नेता दत्तोपंत ठेंगड़ी और आरएसएस समर्थितसुब्रहमण्यम स्वामी की अमेरिका यात्रा का उल्लेख किया जो जेपी आंदोलन का समर्थन करने के लिए थी.उन्होंने कहा 2012 में दिल्ली में अन्ना हजारे-केजरीवाल के नेतृत्व में हुए प्रदर्शनों को यूपीए सरकार को अस्थिर करने के लिए फोर्ड फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित किया गया था। उन्होंने कहा किआरएसएस और विवेकानंद फाउंडेशन उन प्रदर्शनों का हिस्सा थे.