कांग्रेस नेता डॉ. अजय कुमार ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा किअमेरिका द्वारा पाकिस्तान को F-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए 357 मिलियन डॉलर देने का निर्णय मोदी सरकार की कूटनीतिक विफलताका एक स्पष्ट उदाहरण है। यह स्थिति भारत के राष्ट्रीय हितों के प्रति भाजपा की अनदेखी को दर्शाती है।
पाकिस्तान को अमेरिकी सहायता: मोदी सरकार की चुप्पी
डॉ. कुमार ने बताया कि 2022 में बाइडेन प्रशासन ने भी पाकिस्तान को इसी उद्देश्य के लिए 450 मिलियन डॉलर का पैकेज दिया था। लेकिन मोदीसरकार ने इस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी। भारतीय सेना ने पहले ही यह स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर में भारतीय सैन्यप्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए अमेरिकी निर्मित F-16 विमानों का उपयोग किया है।
अमेरिका का यह दावा कि F-16 विमानों का उपयोग केवल आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए किया जा रहा है, एक भ्रम है। पाकिस्तान ने इससमझौते का उल्लंघन किया है, और विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकता। ऐसे में मोदी सरकार के लिए यहआवश्यक हो जाता है कि वह पाकिस्तान को दी जा रही अमेरिकी सहायता पर कड़ी प्रतिक्रिया दे।
कांग्रेस के कार्यकाल में भारत-अमेरिका संबंध
डॉ. कुमार ने कांग्रेस के कार्यकाल (2004-2014) के दौरान भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक और रक्षा सहयोग की वृद्धि का उल्लेख किया। पूर्वप्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अमेरिका के साथ कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जैसे कि 2008 का असैन्य परमाणु समझौता और2005 का रक्षा ढांचा समझौता। इन समझौतों ने भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत किया और वैश्विक स्तर पर उसकी स्थिति को बढ़ाया।
मोदी सरकार की कूटनीतिक विफलता
डॉ. कुमार ने पीएम मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा का भी जिक्र किया, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत के हितों को मजबूती से नहीं रखा।उन्होंने सवाल उठाया कि कैसे अमेरिका पाकिस्तान को F-16 के रखरखाव के लिए पैसे दे रहा है, जबकि भारत को F-35 बेचने की बात की जा रहीहै। सामरिक विशेषज्ञों का कहना है कि F-16, F-35 की तुलना में हवाई लड़ाई में बेहतर है।
इस संदर्भ में, डॉ. कुमार ने मोदी सरकार से सवाल किया कि वह पाकिस्तान को अमेरिकी सैन्य सहायता से उत्पन्न होने वाली सुरक्षा चुनौतियों कासामना कैसे करेगी। क्या यह मोदी सरकार की कूटनीति की विफलता नहीं है, और क्या इससे भारत के राष्ट्रीय हितों को नुकसान नहीं पहुँचता?
आर्थिक चुनौतियाँ और मोदी सरकार की रणनीति
डॉ. कुमार ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के मुद्दे पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने BRICS देशों पर 100% टैरिफ लगाने की धमकीदी थी, जबकि पीएम मोदी मुस्कुरा रहे थे। यह स्थिति भारत के लिए आर्थिक दृष्टि से गंभीर हो सकती है।
विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ भारत की GDP को 0.1 से 0.6 प्रतिशत तक प्रभावित कर सकते हैं। शेयर बाजार मेंगिरावट और विदेशी निवेशकों की बिक्री ने भारतीय अर्थव्यवस्था को संकट में डाल दिया है।
मोदी सरकार की योजना का अभाव
डॉ. कुमार ने सवाल उठाया कि क्या मोदी सरकार के पास इन आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए कोई ठोस योजना है। उन्होंने यह भी पूछाकि क्या मोदी सरकार ने टैरिफ युद्ध का मुकाबला करने के लिए कोई नीतिगत उपाय तैयार किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार की पिछले तीन बड़ी आर्थिक आपदाओं—नोटबंदी, दोषपूर्ण जीएसटी, और अनियोजित लॉकडाउन—के बाद, MSME और असंगठित क्षेत्र कैसे पारस्परिक टैरिफ से बचेंगे।
निष्कर्ष
डॉ. अजय कुमार के बयान स्पष्ट करते हैं कि मोदी सरकार की कूटनीति और आर्थिक नीतियों में गंभीर खामियाँ हैं। कांग्रेस नेता ने यह सवाल उठाया हैकि क्या मोदी सरकार भारत के राष्ट्रीय और सामरिक हितों की रक्षा करने में सक्षम है। यह स्पष्ट है कि भारत को इन चुनौतियों का सामना करने के लिएएक ठोस और प्रभावी रणनीति की आवश्यकता है।