कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस ने महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के 100 वर्ष पूरे होने पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसरपर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस ऐतिहासिकआयोजन का उद्देश्य गांधीजी के आदर्शों को याद करना और उनकी प्रासंगिकता को रेखांकित करना था।
महात्मा गांधी और बेलगावी का ऐतिहासिक संबंध
महात्मा गांधी ने 1924 में बेलगावी में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता की थी। यह उनके जीवन में कांग्रेस अध्यक्ष के रूपमें एकमात्र अवसर था। यह अधिवेशन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। इसी ऐतिहासिक घटना के 100 साल पूरेहोने पर कांग्रेस ने इस आयोजन को एक विशेष श्रद्धांजलि के रूप में मनाया।
कार्यक्रम की शुरुआत और नेता गण का स्वागत
मंगलवार को मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी वाड्रा दिल्ली से बेलगावी पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उनकास्वागत किया। हवाई अड्डे पर कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ मौजूद थी, जिन्होंने पार्टी के नेताओं का जोरदार अभिनंदन किया। इसके बाद नेता कार्यक्रमस्थल की ओर रवाना हुए।
प्रियंका गांधी का संबोधन
प्रियंका गांधी ने अपने संबोधन में महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों को आज के समय में भी प्रासंगिक बताया। उन्होंने कहा कि गांधीजीने अपने विचारों और कर्मों से स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया। प्रियंका ने युवाओं से अपील की कि वे गांधीजी के आदर्शों से प्रेरणा लेकर समाज मेंसकारात्मक बदलाव लाएं।
मल्लिकार्जुन खड़गे का वक्तव्य
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गांधीजी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने पूरी दुनिया को यह सिखाया कि शांति और अहिंसा के माध्यम सेहर संघर्ष जीता जा सकता है। खड़गे ने यह भी आरोप लगाया कि मौजूदा समय में गांधीजी के विचारों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिनकांग्रेस उनके आदर्शों को संरक्षित और प्रचारित करती रहेगी।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बयान
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस आयोजन को गांधीजी के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकारगांधीजी के आदर्शों को अपनी नीतियों और योजनाओं में शामिल कर रही है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और विशेष प्रदर्शन
कार्यक्रम में गांधीजी के जीवन पर आधारित एक नाट्य प्रस्तुति हुई, जिसमें उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाया गया। इसके अलावा, स्थानीय कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य और संगीत के माध्यम से गांधीजी के आदर्शों को रचनात्मक रूप में प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के उद्देश्य और प्रासंगिकता
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य गांधीजी के आदर्शों और कांग्रेस के मूल्यों को जनता के बीच पुनर्जीवित करना था। कांग्रेस नेताओं ने जोर दिया किगांधीजी के विचार आज भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने स्वतंत्रता संग्राम के समय थे।
सुरक्षा प्रबंध और समापन
कार्यक्रम स्थल पर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। समारोह का समापन गांधीजी के प्रिय भजन “रघुपति राघव राजा राम” के सामूहिक गायन औरगांधी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पण के साथ हुआ। बता दें कि महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम नेन केवल उनके योगदान को सम्मानित किया बल्कि उनकी शिक्षाओं को वर्तमान समय में भी प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत किया। कांग्रेस ने इस आयोजन केमाध्यम से जनता और कार्यकर्ताओं के बीच गांधीजी के आदर्शों की महत्ता को दोबारा उजागर किया।