सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि उनकी पार्टी दिल्ली औरबिहार में आगामी चुनावों में हिस्सा लेगी। उन्होंने साफ किया कि यदि गठबंधन बना, तो वह गठबंधन के साथ चुनाव लड़ेंगे, अन्यथा अपने दम पर भीचुनाव लड़ा जाएगा। राजभर ने कहा, “हम दिल्ली और बिहार में चुनाव लड़ेंगे। यदि गठबंधन बन सका तो गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे, और अगर ऐसानहीं हुआ, तो अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे।”
बिहार और दिल्ली में चुनावी तैयारी पर जोर
राजभर ने आगे कहा कि दिल्ली और बिहार में पार्टी संगठन की तैयारी तेज़ी से चल रही है। पार्टी नेताओं का मानना है कि चुनाव लड़ने के लिए उनकीपार्टी पूरी तरह से तैयार है। बिहार में उनकी पार्टी 36 जिलों में चुनावी तैयारी कर रही है, और राजभर ने कहा कि सीटों की संख्या तय करने से पहलेप्रदेश अध्यक्ष और जिलों के अध्यक्षों से बातचीत की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि चुनावी रणनीति और गठबंधन के बारे में अंतिम निर्णय तबलिया जाएगा जब चुनाव की अधिसूचना जारी होगी।
गठबंधन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं
ओम प्रकाश राजभर ने गठबंधन को लेकर भी कुछ अहम बातें साझा कीं। उन्होंने बताया कि उनकी बात अन्य दलों से चल रही है, लेकिन अभी तककोई ठोस गठबंधन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, “हमसे कहा गया है कि जब चुनाव की अधिसूचना जारी होगी, तब हम बैठकर बात करेंगे। अगरगठबंधन की बात नहीं बनी, तो हम अकेले चुनाव लड़ेंगे।”
AAP पर हमला: घोषणाओं से बचने की सलाह
ओम प्रकाश राजभर ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “आपकी सरकार है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि भविष्य मेंसरकार बनेगी या नहीं। उन्हें घोषणाएं नहीं करनी चाहिए, बल्कि जो भी करना है लोगों के लिए, वह कर देना चाहिए।” राजभर ने दिल्ली के मुख्यमंत्रीअरविंद केजरीवाल पर भी तंज करते हुए कहा, “केजरीवाल आप के बड़े नेता हैं और बुद्धि लगाकर दल को चलाने के लिए समय-समय पर बोलते रहतेहैं, लेकिन फिलहाल उनकी सरकार के भविष्य को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है।”
राजभर की बढ़ती भूमिका: बिहार और यूपी में चुनौती
ओम प्रकाश राजभर अपने विवादित बयानों और राजनीतिक गतिविधियों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। उनका यह बयान दिल्ली और बिहार मेंचुनावी रणनीति को लेकर विपक्ष के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है, क्योंकि उनकी पार्टी का यूपी में भी एक महत्वपूर्ण वोट बैंक है। बिहार औरदिल्ली में चुनावी चुनौती बढ़ने के साथ ही राजभर की भूमिका राजनीति में और भी अहम हो सकती है।