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एयरोस्पेस क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए, एयरो इंडिया-2025 कार्यक्रम का शुभारंभ रविवार को येलहंका वायुसेना स्टेशन, बेंगलुरु में हुआ।एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह और थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस में उड़ान भरकर कार्यक्रम कीशुरुआत की।

थल सेनाध्यक्ष का अद्भुत अनुभव
तेजस विमान में उड़ान के बाद, जनरल द्विवेदी ने इस अनुभव को अपने जीवन का सबसे खास पल बताया। उन्होंने कहा कि अगर वह एयर चीफमार्शल ए.पी. सिंह से पहले मिले होते, तो शायद वायुसेना में शामिल होते। उन्होंने एयर चीफ मार्शल को अपना गुरु मानते हुए कहा कि तेजस कीउड़ान ने उन्हें वायुसेना के पायलटों की चुनौतियों और उनके बेहतरीन तालमेल की गहरी समझ दी है।

रक्षा मंत्री ने की भारतीय एयरोस्पेस क्षेत्र की सराहना
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया-2025 के कर्टेन रेजर कार्यक्रम में भारत की बढ़ती एयरोस्पेस क्षमताओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारतअब प्रमुख रक्षा उपकरण और प्लेटफॉर्म डिज़ाइन व निर्माण करने में सक्षम है। इस कार्यक्रम में 900 से अधिक प्रदर्शक, जिनमें 150 विदेशी प्रदर्शकशामिल हैं, ने भाग लिया। यह आयोजन भारत की एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।

तेजस: भारतीय तकनीक का प्रतीक
एलसीए तेजस, जिसे एडीए (एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी) द्वारा डिजाइन और एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) द्वारा निर्मित कियागया है, भारतीय वायुसेना और नौसेना के लिए एक आधुनिक लड़ाकू विमान है। यह विमान अपनी हल्की संरचना और बहु-भूमिकाओं के लिए जानाजाता है।

एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए): भविष्य की ताकत
एएमसीए, भारतीय वायुसेना के लिए विकसित 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जिसे स्टील्थ तकनीक और उन्नत AI-संचालित सिस्टम से लैस कियागया है। इसका उद्देश्य दुश्मन के रडार से बचते हुए अत्यधिक कुशलता के साथ मिशन को अंजाम देना है। यह मानवयुक्त और मानवरहित विमानों केसाथ सामंजस्य स्थापित करने में भी सक्षम है।

भारत की बढ़ती क्षमता
एयरो इंडिया-2025 और उसमें प्रदर्शित आधुनिक विमानों जैसे तेजस और एएमसीए ने यह साबित कर दिया है कि भारत का एयरोस्पेस उद्योग तेजी सेआत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। यह न केवल भारत की रक्षा शक्ति को मजबूत करता है, बल्कि वैश्विक मंच पर उसकी स्थिति को भी सशक्त बनाताहै।

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