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इसरो के अध्यक्ष ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) के प्रसिद्ध वैज्ञानिक और वर्तमान निदेशक (परियोजनाएं) एम मोहन को लिक्विडप्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) का निदेशक नियुक्त किया है। इससे पहले, मोहन जून 2023 से जून 2024 तक मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र(HSFC) के निदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं।

महत्वपूर्ण परियोजनाओं में भूमिका
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, एम मोहन ने जीएसएलवी (GSLV) कार्यक्रम के परियोजना निदेशक के रूप में भी कार्य किया है। उन्होंने 2018 में दो सफल मिशनों- जीएसएलवी-एफ8/जीसैट-6ए और जीएसएलवी-एफ11/जीसैट-7ए की देखरेख की। इसके अलावा, वह 2008 में चंद्रयान-1 मिशन के तहत मून इम्पैक्ट प्रोब (MIP) परियोजना के सिस्टम लीडर थे, जिसने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को चंद्रमा की सतह पर स्थापित किया था।

अलाप्पुझा के निवासी हैं एम मोहन
एम मोहन, जो अलाप्पुझा (केरल) के निवासी हैं, ने इसरो में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। इनमें क्रायोजेनिक अपर स्टेज (CUS) केपरियोजना निदेशक, एलपीएससी में सामग्री और विनिर्माण इकाई के उप निदेशक, और वीएसएससी में स्पेस कैप्सूल रिकवरी प्रोजेक्ट (SRE-2) केपरियोजना निदेशक शामिल हैं।

एम मोहन को मिले पुरस्कार और सम्मान
एम मोहन को उनके कार्यों के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं। 2016 में उन्हें इसरो प्रदर्शन उत्कृष्टता पुरस्कार और 2010 में इसरो मेरिट पुरस्कार सेसम्मानित किया गया। वे एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के फेलो हैं और कई पेशेवर निकायों के आजीवन सदस्य भी हैं, जिनमें सोसाइटी ऑफएयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग इंजीनियर्स (SAME), हाई एनर्जी मैटेरियल्स सोसाइटी ऑफ इंडिया (HEMSI), और इंडियन सोसाइटी फॉर एयरोस्पेस एंडरिलेटेड मैकेनिज्म (INSARM) शामिल हैं।

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