लखनऊ, 20 फरवरी 2025: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अजय राय ने प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर तीखीप्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह बजट अदम गोंडवी की पंक्तियों में समेटा जा सकता है:
“तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है,
मगर ये आकड़े झूठे हैं, यह दावा किताबी है।”
राय ने आरोप लगाया कि योगी सरकार का बजट अब केवल एक रस्म अदायगी बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट झूठी बातें, झूठे वादे औरआकड़ों से भरा हुआ है, जो प्रदेश की 25 करोड़ जनता को धोखा देने का काम कर रहा है।
कर्ज में डूबी सरकार
राय ने कहा कि योगी सरकार अपनी कमियों को छिपाने के लिए गलत आकड़े पेश कर रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 31 मार्च 2024 तकउत्तर प्रदेश सरकार पर कुल कर्ज 6,67,106.03 करोड़ रुपये था, जबकि सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है।
प्रति व्यक्ति आय का सच
राय ने बताया कि सरकार का दावा है कि प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है, लेकिन सच यह है कि उत्तर प्रदेश आज भी पूरे देश में प्रति व्यक्ति आय केमामले में 28वें स्थान पर है।
किसानों की दुर्दशा
किसानों के प्रति सरकार की संवेदनहीनता का जिक्र करते हुए राय ने कहा कि हाल ही में किसानों को खाद ब्लैक में खरीदनी पड़ी और ओलावृष्टि सेनष्ट हुई फसलों का बीमा भी नहीं मिला। गन्ना किसानों की आय में वृद्धि के बजाय कमी आई है, जबकि महंगाई ने लागत को कई गुना बढ़ा दिया है।
योजनाओं का हश्र
राय ने पिछले बजट में कृषि को प्रोत्साहन देने के लिए शुरू की गई योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन योजनाओं का क्या हुआ, इसकी कोईचर्चा नहीं की गई। उन्होंने उज्जवला योजना का भी जिक्र किया, जिसमें गैस कनेक्शन तो वितरित किए जा रहे हैं, लेकिन रिफिलिंग की प्रक्रिया परकोई बात नहीं की गई।
रोजगार की स्थिति
राय ने रोजगार के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि प्रदेश का युवा बेरोजगार है, और अंतर्राष्ट्रीय मजदूर संगठन के आकड़ों से यह स्पष्ट है।सरकार के दावों के विपरीत, युवाओं के प्रति सरकार की संवेदनहीनता उजागर हो रही है।
शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति
अजय राय ने अधूरे मेडिकल कॉलेज, टूटते प्राथमिक विद्यालय, बिना किताबों और यूनिफॉर्म के छात्रों, और महंगाई से जूझती जनता का जिक्र करतेहुए कहा कि यह सब योगी राज की असलियत है।
राय ने अंत में कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की आत्ममुग्धता और जनता की समस्याओं के बीच एक बड़ा अंतर है, जो इस बजट में स्पष्ट रूप सेदिखाई देता है।