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उत्तराखंड में आज समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर दी गई है, जिससे राज्य एक ऐतिहासिक कदम उठा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नेमुख्य सेवक सदन में UCC के पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण किया। इसके साथ ही उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद पहला राज्य बन गया है, जहांयह कानून लागू हुआ है। गृह सचिव ने शनिवार को इसके संबंध में एक पत्र भी जारी किया था।

UCC का उद्देश्य समानता और महिला सशक्तिकरण
सीएम धामी ने UCC की नियमावली जारी करते हुए इसे बाबा साहेब की श्रद्धांजलि बताया और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया।उन्होंने कहा कि UCC से समाज में समानता स्थापित होगी और यह पूरे देश के लिए एक मजबूत आधार बनेगा। इस कानून से महिलाओं को सशक्तबनाने में मदद मिलेगी और सभी धर्मों के लोगों को समान अधिकार मिलेंगे।

महिलाओं और बच्चों के अधिकारों में महत्वपूर्ण बदलाव
सीएम धामी ने यह भी बताया कि UCC से कई कुप्रथाएं समाप्त हो जाएंगी, जैसे कि हलाला और बहुविवाह। महिलाओं को संपत्ति में समानअधिकार मिलेगा और लिव-इन रिलेशनशिप से उत्पन्न बच्चों को भी अधिकार मिलेगा। तलाक और विवाह के नियम अब सभी धर्मों में समान होंगे।इसके अलावा, विवाह का पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा और बिना पंजीकरण के सरकारी सुविधाएं नहीं मिलेंगी।

सशस्त्र बलों और लिव-इन रिलेशनशिप के लिए विशेष प्रावधान
UCC में सशस्त्र बलों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिसमें सैनिक, वायुसैनिक और नौसैनिक अपने विशेषाधिकार वाले वसीयत बना सकेंगे।इसके अलावा, लिव-इन रिलेशनशिप के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा, जिससे दोनों पक्षों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी और उनके बच्चों को वैधअधिकार मिलेंगे।

UCC के लागू होने से समाज में व्यापक सुधार
UCC में महिलाओं के अधिकारों पर विशेष ध्यान दिया गया है। लड़कियों की शादी की उम्र को 18 साल तक बढ़ाने, बहु-विवाह पर रोक लगाने, और गोद लेने की प्रक्रिया को सरल बनाने के प्रस्तावों के साथ यह कानून सामाजिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। UCC के तहत सभीधर्मों के बच्चों को गोद लेने का अधिकार मिलेगा, हालांकि दूसरे धर्म के बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकेगा।

UCC का सफर और भविष्य में प्रभाव

UCC लागू करने का वादा मुख्यमंत्री धामी ने 2022 विधानसभा चुनावों के दौरान किया था। इसके बाद, मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट की पूर्वन्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई थी, जिसने 2024 में ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंपी। 8 मार्च 2024 कोUCC विधेयक विधानसभा में पारित हुआ और 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली।

राज्य ने UCC लागू करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सऊदी अरब, तुर्की, इंडोनेशिया, नेपाल, फ्रांस, जर्मनी, जापान और कनाडा जैसे देशों के UCC का अध्ययन किया।

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