देश की सर्वोच्च अदालत ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग से पूछा कि चुनाव समाप्तहोने के बाद ईवीएम के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) क्या है।
एडीआर ने दाखिल की याचिका
यह याचिका एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने दायर की है। याचिका में यह मांग की गई है कि ईवीएम की मेमोरी को समाप्त करने केलिए एक स्पष्ट नीति तैयार की जाए। साथ ही, इसमें ईवीएम में डेटा को सुरक्षित रखने और किसी भी छेड़छाड़ की आशंका को खत्म करने के निर्देशदिए जाने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि ईवीएम से कोई भी डेटा न हटाया जाए और न ही मशीनमें दोबारा डेटा लोड किया जाए। अदालत ने यह भी पूछा कि चुनाव के बाद ईवीएम की मेमोरी और माइक्रोकंट्रोलर को नष्ट करने की प्रक्रिया क्या है।
ईवीएम की जांच नीति की मांग
एडीआर के साथ-साथ हरियाणा कांग्रेस नेता सर्व मित्तर और करण सिंह दलाल द्वारा दाखिल याचिकाओं में यह भी मांग की गई है कि जली हुई मेमोरीऔर माइक्रोकंट्रोलर की जांच के लिए एक नीति बनाई जाए। याचिका में कहा गया है कि ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका और चुनावी नतीजों कीपारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए, इस मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी।