शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने ‘इंडिया’ गठबंधन की वर्तमान स्थिति पर कांग्रेस से स्पष्टता की मांग की है। उन्होंनेकहा कि यदि कांग्रेस गठबंधन के अस्तित्व को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं करती, तो उनकी पार्टी स्वतंत्र रूप से अपने रास्ते तय करने के लिए बाध्य होगी।राउत ने चेतावनी दी कि यदि गठबंधन एक बार टूट गया, तो इसे दोबारा खड़ा करना बेहद मुश्किल होगा।
हरियाणा चुनाव पर राउत की टिप्पणी
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर टिप्पणी करते हुए राउत ने कहा कि कांग्रेस को आत्ममंथन की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया किकांग्रेस ने सत्ता की लालसा में गठबंधन का अवसर गंवा दिया, जिसके कारण नतीजे उसके पक्ष में नहीं आए। राउत के अनुसार, यदि ‘इंडिया’ गठबंधनहोता, तो तस्वीर अलग हो सकती थी।
महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ने का सवाल
राउत ने कांग्रेस से यह भी आग्रह किया कि यदि वह महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ने का इरादा रखती है, तो इसे स्पष्ट करे। उन्होंने हरियाणा में आमआदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच तालमेल न बनने को भी गठबंधन के विफल होने का एक प्रमुख कारण बताया।
भाजपा की रणनीति की तारीफ
राउत ने भाजपा की चुनावी रणनीति की तारीफ करते हुए कहा कि पार्टी ने हरियाणा में हार की स्थिति को जीत में बदल दिया। हालांकि, उन्होंने यह भीजोड़ा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के बावजूद भाजपा को वहां हार का सामना करना पड़ा, जो उनके लिए आत्ममंथन का विषय होना चाहिए।
नेतृत्व को लेकर खुली चर्चा का सुझाव
राउत ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के नेतृत्व को लेकर सभी दल चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, एनसीपीप्रमुख शरद पवार, सपा नेता अखिलेश यादव और अन्य नेताओं के नाम सुझाए, जो गठबंधन का नेतृत्व कर सकते हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया किबीजू जनता दल के नेता नवीन पटनायक जैसे नेता भी इस गठबंधन में शामिल हो सकते हैं।
उमर अब्दुल्ला ने भी जताई थी नाराजगी
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ‘इंडिया’ गठबंधन की दिशा और नेतृत्व में स्पष्टता की कमी पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कियदि यह गठबंधन केवल संसदीय चुनावों के लिए था, तो इसे समाप्त कर देना चाहिए, ताकि सभी दल अपनी स्वतंत्र रणनीतियां बना सकें। उन्होंनेसुझाव दिया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद गठबंधन की बैठक बुलाई जानी चाहिए, ताकि नेतृत्व और भविष्य की रणनीति पर निर्णय लियाजा सके।
गठबंधन की वर्तमान स्थिति पर सवाल
शिवसेना (यूबीटी) के नेता राउत और उमर अब्दुल्ला दोनों ने कांग्रेस से मांग की है कि वह ‘इंडिया’ गठबंधन की स्थिति और उद्देश्य पर स्थिति स्पष्टकरे। राउत ने कांग्रेस को इस गठबंधन को एकजुट रखने की जिम्मेदारी दी, जबकि उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यदि कोई समय सीमा तय नहीं की गईथी, तो इसे औपचारिक रूप से समाप्त करना चाहिए।
गठबंधन के भविष्य पर बढ़ता दबाव
‘इंडिया’ गठबंधन के अस्तित्व और नेतृत्व पर उठ रहे सवालों के बीच कांग्रेस पर दबाव बढ़ रहा है कि वह स्पष्ट करें कि यह गठबंधन केवल लोकसभाचुनावों तक सीमित था या इसका दीर्घकालिक उद्देश्य है। यदि स्पष्टता नहीं मिलती, तो सहयोगी दल अपनी स्वतंत्र रणनीतियों पर काम करने के लिएबाध्य होंगे।