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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र सरकार के बजट 2025-26 को निराशाजनक बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की। पार्टी का कहनाहै कि यह बजट मध्यम वर्ग के हितों की अनदेखी करता है और इसमें होम लोन, जीएसटी में कोई राहत नहीं दी गई है। पार्टी ने आरोप लगाया किसरकार केवल अमीर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने में लगी हुई है, जबकि आम जनता को कोई राहत नहीं मिल रही है।

अरविंद केजरीवाल ने बजट को बताया जनता के साथ धोखा
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार का अधिकांश धन अमीर उद्योगपतियोंके कर्ज माफ करने में खर्च हो रहा है। उन्होंने मांग की थी कि सरकार यह घोषणा करे कि आगे से किसी भी अरबपति का कर्ज माफ नहीं कियाजाएगा। उन्होंने सुझाव दिया था कि इससे बचाए गए पैसे को मध्यम वर्ग के होम लोन और वाहन लोन में छूट देने, किसानों के कर्ज माफ करने, इनकम टैक्स और जीएसटी की दरें कम करने में इस्तेमाल किया जाए। लेकिन, बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई, जिससे यह स्पष्ट हो जाता हैकि सरकार अब भी पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने की नीति पर काम कर रही है।

संजय सिंह ने सरकार की नीयत पर उठाए सवाल
AAP के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने करीबीउद्योगपतियों के 16 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए, लेकिन अब भी सरकार इसे वापस लेने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने कहाकि अगर यह पैसा वसूला जाए तो इनकम टैक्स और जीएसटी की दरें आधी की जा सकती हैं।

संजय सिंह ने यह भी कहा कि बजट में छोटे व्यापारियों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी गई है। किसानों की आय दोगुनी करने की बात सरकार नेपहले की थी, लेकिन बजट में इसका कोई जिक्र नहीं किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादाकरती है, लेकिन बजट में इस पर कोई चर्चा नहीं की गई।

मध्यम वर्ग के लिए कोई ठोस कदम नहीं: जस्मीन शाह
AAP के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने बजट को मध्यम वर्ग के लिए निराशाजनक बताते हुए कहा कि भारत की लगभग 30% आबादी मध्यम वर्ग सेआती है, लेकिन केवल 2% लोग ही इनकम टैक्स भरते हैं। बाकी 98% लोग अप्रत्यक्ष कर (जीएसटी, एक्साइज ड्यूटी, आदि) के जरिए सरकार कोराजस्व देते हैं, लेकिन उनके लिए बजट में कोई राहत नहीं दी गई।

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने बजट से पहले मध्यम वर्ग के लिए 7 प्रमुख सुझाव दिए थे, जिनमें स्वास्थ्य और शिक्षा पर अधिक खर्च, आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी खत्म करना, वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए में छूट देना और पेंशन योजनाओं में सुधार करना शामिल था। लेकिन, सरकार ने इनमें से केवल एक सुझाव माना—इनकम टैक्स की छूट सीमा बढ़ाना, जिससे केवल 2% लोगों को ही फायदा होगा। उन्होंने आरोप लगायाकि सरकार की प्राथमिकता केवल मीडिया का ध्यान भटकाना है, न कि जनता को राहत देना।

शिक्षा और स्वास्थ्य पर घटाया गया बजट
जस्मीन शाह ने कहा कि बजट 2025 की सबसे बड़ी विफलता यह है कि इसमें नौकरियों या आम जनता की आय बढ़ाने के लिए कोई योजना नहींबनाई गई है। सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन इस पर पूरी तरह से चुप्पी साध ली गई है।

उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षा बजट में भारी कटौती की गई है। 2013-14 में शिक्षा पर जीडीपी का 4.6% खर्च किया जाता था, जिसे अबघटाकर 2.5% कर दिया गया है। सरकारी स्कूलों को लेकर बजट में कोई चर्चा नहीं की गई, जबकि उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षक पदों की भारीकमी बनी हुई है।

AAP का केंद्र सरकार पर हमला
AAP नेताओं ने इस बजट को आम जनता के साथ छलावा बताया और आरोप लगाया कि सरकार केवल बड़े उद्योगपतियों के फायदे के लिए कामकर रही है। पार्टी ने कहा कि दिल्ली की जनता इस अन्याय का जवाब चुनाव में देगी और अपनी आवाज उठाएगी।

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