आम आदमी पार्टी (AAP) ने हाल ही में राष्ट्रपति को एक पत्र लिखकर भारतीय लोकतंत्र के मूल्यों पर हमले का आरोप लगाया है। इस पत्र में दिल्लीमें भाजपा सरकार द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की तस्वीरें हटाने के कदम की निंदा की गई है। AAP का कहना है कि यह न केवल देश के महान सपूतों का अपमान है, बल्कि यह दलित, पिछड़े और वंचित समाज के प्रति भी एक गंभीर अपमान है।
विधानसभा में विरोध और निष्कासन
आम आदमी पार्टी ने जब इस मुद्दे का विरोध किया और इसे विधानसभा में उठाने का प्रयास किया, तो विधानसभा अध्यक्ष श्री विजेंद्र गुप्ता नेअलोकतांत्रिक तरीके से AAP के 21 विधायकों को 25 फरवरी को तीन दिनों के लिए सदन की बैठकों से निष्कासित कर दिया। यह कदम AAP केलिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ था।
पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग
27 फरवरी को, जब आम आदमी पार्टी के विधायक दिल्ली विधानसभा की ओर बढ़ रहे थे, तो उन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा भारी बैरिकेडिंग के माध्यम सेरोक दिया गया। यह घटना लोकतंत्र की हत्या के रूप में देखी जा रही है। AAP के विधायकों को विधानसभा परिसर में प्रवेश से रोकने का यह कदमएक अभूतपूर्व घटना है, जिसने विपक्ष के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है।
धरना और लोकतंत्र का संकट
विपक्ष के विधायकों को सड़क पर धरने पर बैठना पड़ा, जो कि भारतीय लोकतंत्र के लिए एक काला धब्बा है। AAP का कहना है कि यदि विपक्षको इस तरह रोका जाएगा, तो जनता के मुद्दे कौन उठाएगा? लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों का होना आवश्यक है, ताकि आम लोगों की आवाज़सुनी जा सके। लेकिन वर्तमान स्थिति में, विपक्ष को दबाने की कोशिश की जा रही है, जिससे जनता की आवाज़ भी दब रही है।
राष्ट्रपति से मुलाकात की मांग
आम आदमी पार्टी का विधायक दल राष्ट्रपति से तत्काल मुलाकात करना चाहता है ताकि इस तानाशाही के खिलाफ उचित कदम उठाए जा सकें।AAP का मानना है कि यह केवल दिल्ली का मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के लोकतंत्र के लिए एक संकट का संकेत है।
आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रपति से अपील की है कि वे इस गंभीर मामले पर तुरंत संज्ञान लें और AAP के विधायकों को मिलने का समय निर्धारित करें।यह पत्र न केवल दिल्ली की राजनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र के भविष्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण संकेत है।AAP का यह कदम दर्शाता है कि वे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और किसी प्रकार की तानाशाही के खिलाफ खड़े होने के लिएतैयार हैं।
“अलविदा महाकुंभ” संतो सितारों के लिए अद्धभुत समागम का साक्षी बन गया त्रिवेणी का किनारा, दुनिया के लिए एक याद बन गया महाकुंभ
Mahakumbh2025: “संगम का किनारा संतों सितारा” राजनेताओं से लेकर उद्योगपतियों के अद्भुत समागम का साक्षी बना महाकुंभ आम से लेकरखास तक पूरे महाकुंभ मेले में सभी लोगों का रेला लगा महाकुंभ अब ये दुनिया के एक लिए यादगार पल बन गया है. संगम तट पर अनेक गौरवशालीक्षणों को अविस्मरणीय बनाकर विश्व के सबसे बड़े आयोजन के रूप में महाकुंभ बुधवार को महाशिवरात्रि पर्व की आखिरी डुबकी के साथ विदा होगया.महाकुंभ देश के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक जिंदगी का एक अहम हिस्सी बन गया है. इसकी सांस्कृतिक चेतना अनुकरणीय औरयादगार बन गई है. संतो और सितारों एवं राजनेताओं के अद्भुत समागम का यह साक्षी बना.इस खास मौके फिर चाहे अमीर हो या गरीब सभी ने इसअवसर का खुलकर आनंद लिया. महाकुंभ में विश्व की सबसे धनी महिलाओं में शुमार अमेरिकी महिला उद्योगपति लॉरेन पॅावेल जॉब्स ने संगम परकल्पवाल कर भारतीय संस्कृति को आत्मसात किया. तो देश व दुनिया में गिनती के अमीरों में शामिल मुकेश अंबानी और गौतम अडानी ने सेवा केजरिए इसे अविस्मरणीय बना दिया.
राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री समेत कई नेता बने महाकुंभ का हिस्सा
राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री समेत देश के अधिकतर राज्यों के मुख्यमंत्री राज्यपालों के अलावा केंद्र और प्रदेश के मंत्रियों ने भी महाकुंभ का हिस्साबनकर विश्व समुदाय को एकता का संदेश दिया. लॉरेन जॉब्स ने निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाश आनंद गिरि के शिविर मेंभगवा धारण कर सनातन का वैभव जानने के लिए कमला बन गई. इसी तरह अनंत अंबानी ने परेड स्थित सेक्टर में एक जहां अन्नक्षेत्र खोलकर पूरेमहाकुंभ में हर संत भक्त को मनपसंद व्यंजनों की थाली परोसवाई. वही गौतम अडानी ने 20 सेक्टर 7 दिन में 22 में एक साथ इस्कॉन के साथमिलकर अन्य क्षेत्र चला कर अतिथि सत्कार की मिसाल पेश की. महाकुंभ के मौके पर मुकेश अंबानी अपनी मां कोकिला बेन, बेटे आकाश, अनंत केअलावा बहू और बहनों के साथ जहां संगम में डुबकी लगाकर गंगा आरती की. वही अडानी ने पूरे परिवार के साथ स्नान कर दान पुण्य और सांस्कृतिकगौरव का रंग और गाढ़ा कर दिया. इसी तरह इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष राज्यसभा सदस्य सुधा मूर्ति ने भी अपने परिवार और राष्ट्र की खुशहाली केलिए संगम में तीन दिन तक डुबकी लगाई. संगीत का महाकुंभ सितारों के लिए भी अद्भुत समागम का साक्षी बना. संगीत का महाकुंभ भी अद्भुत औरअविस्मरणीय