6 जनवरी 2025 को असम के दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो क्षेत्र में 300 फीट गहरी कोयला खदान में अचानक पानी भर जाने से नौ मजदूर फंसगए। यह घटना उस समय हुई जब मजदूर खदान में काम कर रहे थे। 8 जनवरी को भारतीय नौसेना ने बचाव अभियान के दौरान खदान से एक मजदूरका शव बरामद किया। घटना के लगभग 48 घंटे बाद शव निकाला गया। वहीं, बाकी आठ मजदूर अब भी खदान में फंसे हुए हैं। उनकी तलाश औरबचाव कार्य तेजी से जारी है।
मजदूरों की हुई पहचान
फंसे हुए मजदूरों में नेपाल और भारत के विभिन्न राज्यों के निवासी शामिल हैं। नेपाल से गंगा बहादुर श्रेठ, असम के हुसैन अली, जाकिर हुसैन, मुस्तफाशेख, लिजान मगर और सरत गोयारी, कोकराझार जिले के खुसी मोहन राय और सर्पा बर्मन, तथा पश्चिम बंगाल के संजीत सरकार का नाम मजदूरों कीसूची में शामिल है।
बचाव अभियान और चुनौतियां
घटना के बाद प्रशासन ने तत्काल बचाव कार्य शुरू किया। भारतीय सेना, नौसेना, NDRF और SDRF की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं। खदान सेपानी निकालने के लिए ओएनजीसी के विशेष पंपों का उपयोग हो रहा है। पानी का स्तर 100 फीट तक बढ़ जाने के कारण अभियान में कठिनाइयांआ रही हैं। विशाखापत्तनम से विशेषज्ञ गोताखोरों को बुलाया गया है, जो जल्द ही बचाव कार्य में शामिल होंगे।
अवैध खनन पर हुई कार्रवाई
प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ कि खदान अवैध रूप से संचालित हो रही थी। प्रशासन ने खदान के मालिक पुनीश नुनिसा को गिरफ्तार कर लियाहै। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने किया बोला ?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी साझा करते हुए कहाकि बचाव कार्य प्राथमिकता के साथ चल रहा है। साथ ही, उन्होंने घटना की विस्तृत जांच और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
बचाव कार्य में चुनौतियां
खदान की गहराई और पानी का लगातार बढ़ता स्तर बचाव अभियान को मुश्किल बना रहा है। खदान की जटिल संरचना के कारण टीमें अत्यंतसावधानी से काम कर रही हैं। समय बीतने के साथ मजदूरों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।
अवैध खनन की पुरानी घटनाएं
इस हादसे ने 2018 में मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स में हुए एक खदान हादसे की याद दिला दी, जिसमें 370 फीट गहरी खदान में पानी भरने से15 मजदूरों की मौत हो गई थी। अवैध खनन और सुरक्षा उपायों की अनदेखी ऐसी घटनाओं का मुख्य कारण बनी रहती है।