दिल्ली चुनाव के नतीजे आने के 10 दिन बाद भी दिल्लीवालों को मुख्यमंत्री देने में विफल रही बीजेपी पर आम आदमी पार्टी ने तीखा कटाक्ष किया है. ‘‘आप’’ नेता अवध ओझा ने कहा कि भाजपा के पास अरविंद केजरीवाल जैसा विजनरी नेता नहीं है. दिल्ली को चलाना और आगे बढ़ाना केवल आमआदमी पार्टी को ही आता है. पिछले दस साल में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने मानव संसाधन को लेकर जबरदस्त काम कियाहै. चुनाव के नतीजे आए दस दिन हो चुके हैं, लेकिन भाजपा अभी तक मुख्यमंत्री तय नहीं कर पाई है. इनके पास कोई नीति और चेहरा नहीं है. लड़ाई, झगड़ा, दंगा कोई भी कर ले, लेकिन राज्य चलाना और उसे सरप्लस स्टेट का दर्जा दिलवाना सबके बस की बात नहीं है.
ओझा ने बताए नेता के गुण
नेता का वह सबसे बड़ा गुण, जिससे राष्ट्र और समाज का विकास होता है, वह उसका विज़नरी होना है कि क्या करने से समाज, परिवार और राष्ट्र आगे बढ़ेगा. आम आदमी पार्टी पिछले दस साल से दिल्ली की सरकार चला रही थी, जिसमें हम मानव संसाधन पर काम कर रहे थे. आज दुनिया के जितने भी ताकतवर देश हैं, वह अपने मानव संसाधन के बल पर ही महाशक्ति बने हैं. चाहे वो अमेरिका जैसा देश हो, जहां 1787 में बड़ास्लम एरिया था, चाहे वो जर्मनी, जापान या चीन हो, सबने अपने मानव संसाधन पर काम किया है. प्राकृतिक संसाधन होने के बावजूद, अगर आपकामानव संसाधन मजबूत नहीं होगा तो वह राष्ट्र कभी आगे नहीं बढ़ पाएगा और मजबूत नहीं हो पाएगा. यह बात हमारे नेता अरविंद केजरीवाल कोबिल्कुल स्पष्ट थी.
मानव संसाधन के दो सबसे बड़े स्तंभ
अवध ओझा ने कहा मानव संसाधन के दो सबसे मजबूत स्तंभ हैं. पहला शिक्षा है और दूसरा स्वास्थ्य है.प्राचीन काल में जब भारत महाशक्ति था, तोपूरी दुनिया में लगभग सारे देशों के लोग भारत के नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए इच्छुक थे. फाह्यान जैसे लोग चीन सेभारत पढ़ने आए। जब देश में शिक्षा उच्चतम स्तर पर थी, तो हमारा देश महाशक्ति था. जब देश में चरक और धन्वंतरि जैसे चिकित्सक थे, तो देशमहाशक्ति था. इसी फार्मूले को ध्यान में रखते हुए अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में स्वास्थ्य और शिक्षा पर ध्यान देना शुरू किया कि हमारा मानवसंसाधन जितना मजबूत होता चला जाएगा, उतना ही हमारा परिवार, समाज और उससे राष्ट्र मजबूत होगा.
राज्य को चलाना बीजेपी के बस की बात नहीं- ओझा
बीजेपी इस विज़न को डीकोड ही नहीं कर पा रही है. उसे पता ही नहीं चल पा रहा है कि करना क्या है? झगड़ा, लड़ाई, दंगा कराना तो कोई भी करले, लेकिन राज्य चलाना और उसे आगे लेकर जाना, उसे सरप्लस स्टेट का दर्जा दिलवाना सबके बस की बात नहीं है. आज बीजेपी के पास 48 विधायक हैं, लेकिन इनमें से उन्हें एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिल रहा है, जिसके पास केजरीवाल जैसा विज़न हो कि वह दिल्ली को आगे लेकर जाए. इनकी यह नाकामी पूरी दिल्ली प्रदेश की जनता देख रही है. ये लोग 20 फरवरी को भी शपथ नहीं ले पाएंगे, क्योंकि इस विकास धारा कोआगे बढ़ाना और आगे लेकर चलना केवल हमारे नेता अरविंद केजरीवाल और हमारी पार्टी के ही बस की बात है. चुनाव बीते दस दिन हो गए अगरबीजेपी के पास नीति है बताए और चेहरा है तो दिखाए.