अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने हाल ही में पत्रकारों को संबोधित करते हुए देश में महिलाओं और विशेष रूप सेनाबालिग बेटियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने भाजपा की डबल इंजन सरकारों पर आरोप लगाया कि वे इन अपराधोंको रोकने में असफल रही हैं और इसके बजाय अपराधियों को संरक्षण दे रही हैं।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बढ़ती संख्या
लांबा ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा, “मैंने देश के लगभग 28 राज्यों का दौरा किया है और हाल ही में 10 दिन के दौरे के बाद दिल्लीलौटी हूं। मुझे जो खबरें मिली हैं, खासकर नाबालिग बेटियों के साथ जघन्य अपराधों की, वे बेहद चिंताजनक हैं। भाजपा की डबल इंजन सरकारेंहमारी बेटियों के लिए एक अभिशाप साबित हो रही हैं।”
महाराष्ट्र में छेड़छाड़ का मामला
उन्होंने महाराष्ट्र के एक मामले का जिक्र किया, जहां भाजपा की केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे की नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया।लांबा ने कहा कि यह घटना दर्शाती है कि भाजपा के नेता खुद अपनी पार्टी के भीतर ही सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा, “यह बेहद गंभीर मामला है।अगर केंद्रीय मंत्री को न्याय नहीं मिलता, तो उन्हें इस्तीफा देकर अपनी बेटी और अन्य बेटियों के लिए लड़ाई लड़नी चाहिए।”
गुजरात में महिलाओं के खिलाफ अपराध
लांबा ने आगे कहा कि गुजरात में पिछले 9 साल में महिलाओं के खिलाफ 17,000 मामले दर्ज हुए हैं। उन्होंने कहा, “गुजरात में हर महीने 200 बेटियां न्याय के लिए थाने पहुंचती हैं, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिलता।” उन्होंने भाजपा के विधायक गजेंद्र सिंह परमार पर भी आरोप लगाया कि उन परदलित महिला के साथ दुष्कर्म का आरोप है, लेकिन एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई।
हरियाणा और मध्य प्रदेश में स्थिति
हरियाणा में भी महिलाओं के खिलाफ अपराधों की स्थिति चिंताजनक है। लांबा ने कहा कि वहां एक छात्रा के साथ 5 साल तक दुष्कर्म होता रहा, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। मध्य प्रदेश में भी नाबालिग बेटियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिसमें एक 5 साल की बच्ची भीशामिल है।
लांबा ने कहा, “मध्य प्रदेश में भाजपा नेता ने नाबालिग से रेप किया, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया। यह साफ दिखाता है किभाजपा की डबल इंजन सरकार बेटियों के खिलाफ एफआईआर या न्याय दिलाने में असफल है।”
दिल्ली में अपराधों की स्थिति
दिल्ली में भी स्थिति बेहतर नहीं है। लांबा ने कहा कि राजधानी में एक महीने में 101 दरिंदगी की घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा, “संसद का सत्र शुरू होनेजा रहा है और 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाएगा, लेकिन इन बेटियों के साथ हो रहे अपराधों पर आप पर्दा कैसे डालेंगे?”
भाजपा सरकार की नीतियों पर सवाल
लांबा ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वे महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर नहीं हैं। उन्होंने कहा, “हम महिला कांग्रेस के सदस्य इस मुद्देको संसद में उठाएंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि महिला आरक्षण कानून को लागू करने की आवश्यकता है, ताकिमहिलाओं की भागीदारी बढ़ सके।
मीडिया की भूमिका
लांबा ने मीडिया से भी अपील की कि वे इन मुद्दों को प्राथमिकता दें और महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों की सच्चाई को उजागर करें। उन्होंनेकहा, “यह देश हमारा है, ये बेटियां हमारी हैं और ये सब खुलेआम हो रहा है।”
महिला कांग्रेस का संकल्प
अलका लांबा ने अंत में कहा कि महिला कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी और वे इस लड़ाई को सड़क से संसद तक लड़ेंगी। “हमारी 5 लाख सदस्य बहनें इसलड़ाई में शामिल होंगी और हम किसी भी कीमत पर अपनी बेटियों की सुरक्षा के लिए लड़ेंगे,” उन्होंने कहा।
इस प्रकार, अलका लांबा ने भाजपा की डबल इंजन सरकारों की नीतियों और उनके द्वारा महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर गंभीर चिंता व्यक्तकी और इस मुद्दे को संसद में उठाने का संकल्प लिया। उनका यह भाषण न केवल महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को उजागर करता है, बल्कि यह भीदर्शाता है कि कैसे राजनीतिक नेतृत्व को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
लांबा का यह बयान एक महत्वपूर्ण संदेश है कि महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा।यह समय है कि हम सभी मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएं और सुनिश्चित करें कि हमारी बेटियां सुरक्षित रहें। अलका लांबा का बयान: भाजपाशासित राज्यों में महिलाओं की सुरक्षा और अपराधों की बढ़ती संख्या