चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पाकिस्तान के जवाबी हमले को लेकर कई अहम जानकारियों काखुलासा किया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने भारत पर दबाव बनाने के लिए 48 घंटे का सैन्य अभियान तैयार किया था, लेकिन भारतीय सेना कीतगड़ी प्रतिक्रिया ने उसकी योजना को महज 8 घंटे में ध्वस्त कर दिया।
10 मई की रात शुरू हुआ पाकिस्तान का हमला
जनरल चौहान ने बताया कि 10 मई की रात करीब 1 बजे पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ आक्रामक अभियान की शुरुआत की थी। पाकिस्तान कोविश्वास था कि वह 48 घंटे के भीतर भारत को झुकने पर मजबूर कर देगा। लेकिन भारत की तरफ से की गई सख्त कार्रवाई ने उसके मंसूबों पर पानीफेर दिया।
भारतीय जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान को भारी नुकसान
भारत ने जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकी अड्डों पर प्रहार किया, तो पाकिस्तान ने जवाबी हमले शुरू कर दिए। लेकिन भारतीय वायुसेना कीप्रतिक्रिया इतनी तीव्र और सटीक थी कि पाकिस्तान के नूर खान, मुरीद और रफीकी जैसे अहम एयरबेस तबाह हो गए। जनरल चौहान के अनुसार, हालात बेकाबू होते देख पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को फोन कर बातचीत की पेशकश की।
पाकिस्तान को हुआ भारी नुकसान का अंदेशा
भारत की प्रभावी जवाबी कार्रवाई से घबराकर पाकिस्तान को यह एहसास हो गया कि अगर वह संघर्ष को और आगे बढ़ाएगा, तो उसे व्यापक नुकसानउठाना पड़ेगा। इसी वजह से उसने जल्द ही युद्धविराम की पहल की, जिसे भारत ने भी स्वीकार कर लिया।
26 इलाकों में हमले, एयरफोर्स ठिकाने और सिविल टारगेट्स पर निशाना
10 मई को पाकिस्तान ने सीमा से सटे 26 क्षेत्रों में हमले किए। इसके निशाने पर उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर और भुज स्थित भारतीय वायुसेना केठिकाने थे। इसके अलावा एयरफोर्स से जुड़े स्कूलों और मेडिकल सेंटर को भी लक्ष्य बनाया गया। पाकिस्तानी सेना ने रात में हाई-स्पीड मिसाइलों सेहमला किया, लेकिन भारत ने अपनी एयर डिफेंस प्रणाली के जरिए अधिकांश मिसाइलों को हवा में ही निष्क्रिय कर दिया।
भारत ने सात पाकिस्तानी एयरबेस किए ध्वस्त
भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कुल सात एयरबेस को पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया। इस प्रभावशाली जवाब के बाद ही पाकिस्तान कोबातचीत और युद्धविराम की दिशा में आगे बढ़ना पड़ा।