
जोहरान मामदानी (Zohran Mamdani) न्यूयॉर्क के मेयर बनने के लिए चुने जा चुके हैं। उन्हें चुने जाने में सबसे बड़ी भूमिका अमेरिका के अश्वेत(55 प्रतिशत) और एशियन (51 प्रतिशत) लोगों ने निभाई है। ममदानी का जादू सबसे ज्यादा जेन जी के बीच चला है जिसमें 15 से 29 वर्ष के बीचके 78 प्रतिशत युवाओं ने उन्हें वोट दिया है। ममदानी की जीत को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीतियों के खिलाफ सबसे बड़ा जनमतसंग्रह कहा जा रहा है। ममदानी अप्रवासी लोगों के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरे हैं। अप्रवासियों को लग रहा है कि ममदानी के चुने जाने से उनकेअमेरिका से बाहर होने का खतरा टल गया है। लेकिन इन सबसे अलग जोहरान ममदानी को अमेरिका का ‘केजरीवाल’ भी कहा जा रहा है क्योंकिउन्होंने चुनाव जीतने के लिए उसी ‘फ्रीबीज योजनाओं’ पर भरोसा किया है जो दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने अपनाई थी।
व्यवस्था पर संकट आ सकता
जोहरान ममदानी ने चुनाव जीतने पर बसों में यात्रा मुफ्त करने का वादा किया था। उन्होंने न्यूयॉर्क में अगले चार साल तक घरों का किराया न बढ़ाने कानियम लागू करने का वादा किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि वे सरकारी पैसों से दो लाख मकान बनाकर गरीबों को देंगे और लोगों को सस्ता राशनउपलब्ध कराने के लिए सस्ती राशन की दुकानें खोलेंगे। ममदानी का ये दांव मध्य वर्ग के लोगों और आप्रवासियों पर सबसे ज्यादा चला और उन्होंनेभरपूर वोट देकर ममदानी को न्यूयॉर्क का दक्षिण एशियाई मूल का पहला मुस्लिम मेयर बनाने का रास्ता साफ कर दिया। ठीक इसी तरीके से अरविंदकेजरीवाल ने मुफ्त बिजली-पानी की घोषणा कर दिल्ली का चुनाव जीता था। न्यूयॉर्क ने 2026 के लिए 115.9 बिलियन डॉलर का बजट निर्धारितकिया है। न्यूयॉर्क को इस बजट का सबसे अधिक हिस्सा प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, टैक्स और अन्य माध्यमों से आता है। वह अपना पैसा सबसे ज्यादासार्वजनिक परिवहन प्रणाली, शिक्षा और साफ-सफाई पर खर्च करता है। लेकिन ममदानी ने जिस तरह मुफ्त की घोषणाएं की हैं, उससे यदि इसबजट से मुफ्त की घोषणाएं पूरी की जाती हैं तो इससे शहर की शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन और साफ-सफाई की व्यवस्था पर संकट आ सकता है।
फंड एकत्र कर पाएंगे, यह कहना मुश्किल
लेकिन ममदानी के लिए अपने वादों पर खरा उतरना आसान नहीं होगा। न्यूयॉर्क शहर का बजट इतना नहीं है कि वे इससे अपने सभी वादों को पूरा करसकें। इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार यानी डोनाल्ड ट्रंप पर निर्भर रहना होगा। लेकिन ममदानी को एक संकट बता चुके ट्रंप उनकी कोई मदद करेंगे, इसकी संभावना कम ही है। चुनाव के दौरान ही उन्होंने धमकी दी थी कि यदि ममदानी मेयर बनते हैं तो वे न्यूयॉर्क शहर का बजट रोक देंगे। वैसे भीपहले ही अमेरिकी कांग्रेस से बजट पास न कराने के कारण पूरे देश में शटडाउन लागू करने के लिए मजबूर हुए ट्रंप के पास अतिरिक्त बजट कीसंभावना बहुत कम ही है। अपने वादों को पूरा करने के लिए ममदानी के पास अमीरों पर कर बढ़ाने का एक विकल्प है। अमेरिका में भी केंद्र सरकार हीकर एकत्र करती है। शहरी व्यवस्था को चलाने के लिए टैक्स बढ़ाने के उनके विकल्प पूरी तरह खत्म तो नहीं हैं, लेकिन उनके विकल्प सीमित अवश्यहैं। लेकिन इससे वे कितना फंड एकत्र कर पाएंगे, यह कहना मुश्किल है।