
क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया शायद ही कभी हारता है और महिला क्रिकेट में तो लगभग कभी नहीं, लेकिन 2017 में भारत ने कुछ ऐसा किया जिसने दुनियाको हिला दिया था। 2017 में ब्रिस्टल में खेले गए महिला वनडे विश्व कप सेमीफाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया की 26 मैचों की अजेय लड़ी तोड़ी थी।उस दिन हरमनप्रीत कौर ने जो 171 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली थी, वह भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा दर्ज रहेगी। उसी दिन, मुंबई में एक16 साल की लड़की जेमिमा रॉड्रिग्स टीवी के सामने बैठी थी। वह पहले से ही हॉकी की नेशनल प्लेयर थी, लेकिन उसने हाल ही में हॉकी छोड़करक्रिकेट को अपनाने का कठिन फैसला लिया था। जब हरमन ने ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों की गेंदों पर छक्का उड़ाया, तो जेमिमा के भीतर कुछ जल उठा।जैसे 1983 की कपिल देव की टीम ने सचिन को प्रेरित किया था, वैसे ही 2017 की हरमन ने जेमिमा को सपना दिया। जेमिमा ने ठान लिया ‘एकदिन मैं भी ऐसा करूंगी’।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सबसे बड़ी पार्टनरशिप
कुछ दिनों बाद, मुंबई एयरपोर्ट पर वही जेमिमा तिरंगा लहराते हुए टीम इंडिया का स्वागत कर रही थी। भले ही भारत लॉर्ड्स में फाइनल हार गया था, लेकिन जेमिमा की नजरों में वे हारे नहीं थे। उन्होंने भारतीय क्रिकेट में एक नई आग जलाई थी, एक ऐसी आग, जिसने हर उस लड़की को प्रेरित कियाजो बल्ला उठाने का सपना देखती थी। 2017 का वह सेमीफाइनल सिर्फ भारत का गौरव नहीं था, बल्कि ऑस्ट्रेलिया के लिए भी एक मोड़ था। हारनेके बाद उन्होंने खुद को और भी मजबूत बनाया। उन्होंने 15 मैच लगातार जीते, 2022 का वर्ल्ड कप आसानी से अपने नाम किया और 2025 तकअजेय बने रहे। लेकिन इतिहास खुद को दोहराने वाला था। 2017 में हरमन ने चमत्कार किया था और 2025 में वही कहानी दोहराई जेमिमा ने। नवीमुंबई में गुरुवार को खेले गए महिला वनडे विश्व कप 2025 के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया एक बार फिर प्रबल दावेदार था। उन्होंने ग्रुप स्टेज में भारतके खिलाफ 331 रन का टारगेट चेज किया था, लेकिन इस बार कुछ असाधारण हुआ। वही लड़की, जिसने कभी एयरपोर्ट पर झंडा लहराया था, अबबल्ला थामे खड़ी थी। 25 साल की जेमिमा रॉड्रिग्स ने 127 नाबाद रन ठोककर ऑस्ट्रेलिया को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया और भारत को फाइनल मेंपहुंचाया।
जेमिमा हमेशा कहती हैं, ‘ये सब जीसस की योजना है। उनका टाइम सही होता है, मेरा नहीं।’ यह कहानी उनके विश्वास की भी कहानी है। 2017 में’हैरी दी’ (हरमन) को देखकर जिसने सपना देखा था, वही अब उनके साथ क्रीज पर थी। ऑस्ट्रेलिया ने 338 रन का पहाड़ जैसा स्कोर बनाया था।स्मृति मंधाना जल्द ही आउट हो गईं, और सबको लगा- अब तो सपना खत्म, लेकिन जेमिमा और हरमन ने मिलकर चमत्कार कर दिया। दोनों ने 167 रनों की साझेदारी की, जो वर्ल्ड कप इतिहास में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सबसे बड़ी पार्टनरशिप थी।
पार्टनर के लिए दौड़ रही थीं
हरमनप्रीत ने मैच के बाद कहा, ‘हम एक-दूसरे को बहुत अच्छे से कॉम्प्लिमेंट कर रहे थे। वो (जेमिमा) हर ओवर के बाद मुझे बताती थी कि हमने कितनेरन लिए हैं, आगे कितना चाहिए। वो खुद पूरी तरह इनवॉल्व थी और खुद को भी और मुझे भी पुश कर रही थी। बहुत क्रेडिट उसे जाता है कि उसनेकैसे खुद को संभाला।’ हरमनप्रीत 89 रन बनाकर आउट हुईं और तब भारत को 113 रन और चाहिए थे। अब जिम्मेदारी पूरी तरह जेमिमा के कंधों परथी और उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। रॉड्रिग्स के 127 रन में से 71 रन रनिंग से आए। उन्होंने अपनी पारी में एक भी छक्का नहीं लगाया। वो खुद केऔर अपनी पार्टनर के लिए दौड़ रही थीं। जब अमनजोत कौर ने 49वें ओवर में विजयी चौका लगाया, जेमिमा पिच के बीचोंबीच घुटनों पर गिर पड़ीं।आंसू, थकान, और एक सपना, उनके मन में सब एक साथ था।