
भाजपा ने आज बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 71 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी। इस लिस्ट को देखते ही भाजपा का बिहारप्लान समझ में आ जाता है। पार्टी ने सामाजिक समीकरणों का ध्यान रखते हुए हर जाति, हर वर्ग के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। किसी भी दूसरेसमीकरण की बजाय उम्मीदवारों के केवल जिताऊ होने पर ध्यान दिया है। पार्टी ने केवल साफ-स्वच्छ छवि के नेताओं को अवसर देकर साफ करदिया है कि उसका बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई ही रहेगा। भाजपा ने पहली सूची में सभी स्थानीय बड़े नेताओं को अवसर दिया है। सम्राटचौधरी, तारकिशोर और मंगल पांडेय सहित सभी बड़े नेताओं पर दांव लगाया है। विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव का टिकट काटकर पार्टी नेस्पष्ट संकेत दे दिया है कि उम्र को लेकर उसकी नीति आगे चलती रहेगी। पहली सूची में भाजपा ने नौ विधायकों का टिकट काट दिया है। लेकिन नौमहिलाओं को टिकट दिया गया है।
श्रेयसी सिंह को जमुई से मैदान में उतारा गया
पूर्व केंद्रीय मंत्री दानापुर से मैदान में उतारा गया है। नीरज कुमार बबलू को छातापुर से चुनाव मैदान में उतारा गया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी कोबेतिया और पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को कटिहार से चुनाव मैदान में उतारा गया है। पहली सूची में यदि नंद किशोर यादव को छोड़ दें तोपार्टी ने अपने सभी दिग्गजों को चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतार दिया है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को तारापुर विधानसभा सीट से और भाजपाके ब्राह्मण चेहरे और नीतीश कुमार सरकार में मंत्री मंगल पांडेय को सिवान से मैदान में उतारा गया है। भाजपा के पिछड़े नेता संजीव चौरसिया कोदीघापुर से और चर्चा में रहने वाली श्रेयसी सिंह को जमुई से मैदान में उतारा गया है।
टिकट काटकर पार्टी ने स्पष्ट संकेत दे दिया
भाजपा ने केवल जिताऊ समीकरणों को ध्यान में रखते हुए ऐसे चेहरों को भी टिकट दे दिया है जो हाल ही में पार्टी में शामिल हुए थे। केवल तीन दिनपहले पार्टी में शामिल होने वाली रमा देवी को टिकट दे दिया गया है। वे पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी हैं। इसी तरह 2019 में जनता दलयूनाइटेड के टिकट पर सांसद बने सुनील कुमार पिंटू को सीतामढ़ी से चुनाव में उतारा गया है। वे सीतामढ़ी से ही सांसद हुआ करते थे। भाजपा नेपहली सूची में सभी स्थानीय बड़े नेताओं को अवसर दिया है। सम्राट चौधरी, तारकिशोर और मंगल पांडेय सहित सभी बड़े नेताओं पर दांव लगाया है।विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव का टिकट काटकर पार्टी ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि उम्र को लेकर उसकी नीति आगे चलती रहेगी।