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दिल्ली में हो रहे इंडियन मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 में कई तरह के इनोवेशन देखने को मिले, किसी ने पूरी तरीके से एआई पर फोकस किया तोकिसी ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) पर, किसी ने 5G और 6G टेक्नोलॉजी पर फोकस किया तो किसी ने रोबोटिक्स पर। इन सब के बीच में एकटेक्नोलॉजी ऐसी भी थी जिसने उस मुद्दे पर फोकस किया जिसके बारें में ज्यादा बात नहीं होती और जिसकी समाज को सख्त जरूरत है। सोल वेलनेसने इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 के मंच से देश का पहला एआई-आधारित स्ट्रेस मॉनिटरिंग डिवाइस ‘स्ट्रेफी’ लॉन्च किया। यह डिवाइसआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से व्यक्ति के तनाव स्तर (stress level) को रियल टाइम में मापने में सक्षम है।

माधान मिलकर व्यक्तियों और संस्थाओं को स्ट्रेस
‘स्ट्रेफी’ एक स्मार्ट एआई-से चलने वाला कियोस्क है जो व्यक्ति के चेहरे के 68 माइक्रो एक्सप्रेशन्स और पॉइंट्स की जांच करके स्ट्रेस लेवल कोपहचानता है। यह तकनीक चेहरे की छोटी-छोटी हरकतों को ट्रैक कर उन्हें डेटा इनसाइट्स में बदल देती है, जिससे व्यक्ति, संस्थान या संगठन तनावको पहचान, ट्रैक और मैनेज कर सकते हैं। सोल वेलनेस के प्रवक्ता ने लॉन्च के दौरान कहा, “स्ट्रेफी तकनीक और भावनाओं का संगम है। इसके जरिएहम तनाव को ‘दिखने लायक’, ‘मापने लायक’ और ‘काबू में लाने लायक’ बना रहे हैं।” ये सभी समाधान मिलकर व्यक्तियों और संस्थाओं को स्ट्रेस कीशुरुआती पहचान, रोकथाम और समाधान में मदद करते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य अब तकनीकी रूप से और भी सशक्त
सोल वेलनेस के सीईओ और सह-संस्थापक कपिल गुप्ता ने कहा, “एआई हमें तनाव और मानसिक दबाव के शुरुआती संकेत देखने में मदद करता हैजो अब तक अदृश्य थे लेकिन केवल डेटा पर्याप्त नहीं है। असली बदलाव तब आता है जब एआई के साथ दया का जुड़ाव होता है। वहीं से असलीट्रांसफॉर्मेशन शुरू होता है।” उन्होंने बताया कि सोल का उद्देश्य एआई को एम्पथी (सहानुभूति) के साथ जोड़कर समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रतिजागरूकता बढ़ाना है। सोल वेलनेस ने आईएमसी 2025 में भारत का पहला एआई-सक्षम स्ट्रेस मॉनिटर ‘स्ट्रेफी’ लॉन्च किया। यह चेहरे के माइक्रोएक्सप्रेशंस से रियल टाइम में तनाव का स्तर मापता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य अब तकनीकी रूप से और भी सशक्त हो गया है।

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