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अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए डबल टैरिफ और India-US ट्रेड डील पर अंतिम मुहर न लग पाने को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ाबयान दिया है. उन्होंने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता में उलझे हुए मुद्दों को सुलझाने के प्रयास जारीहैं, लेकिन किसी भी डील में नई दिल्ली की ‘रेड लाइन’ का सम्मान होना चाहिए. बता दें कि भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर कई चरणों कीबातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक इस पर कोई बात बनती नजर नहीं आई है. टैरिफ पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीति को लेकर भारतऔर अमेरिका के संबंधों में जो तनाव चल रहा है, उसके बीच विदेश मंत्री ने रविवार को कहा कि दोनों देशों में होने वाले किसी भी व्यापार समझौते मेंभारत की सीमाओं का सम्मान किया जाना चाहिए. नई दिल्ली के कौटिल्य इकोनॉमिक एन्क्लेव में एक कार्यक्रम में बोलते हुए विदेश मंत्री ने ये बड़ाबयान दिया है.

अमेरिका के साथ व्यापार समझौता होना ही चाहिए
विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच व्यापार पर समझ बेहद जरूरी है, क्योंकि अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है, तो भारत की भी अपनीसीमाएं हैं. पीटीआई के मुताबिक, एस जयशंकर ने कहा कि ट्रेड डील को लेकर आज हमारे सामने अमेरिका के साथ कुछ मुद्दे हैं और ये बड़ा कारण हैकि व्यापार वार्ता किसी ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है. इस डील के अटकने के चलते ही अमेरिका की ओर से भारत पर हाई टैरिफ लगाया गया है. उन्होंने अपने संबोधन में भारत पर ट्रंप की ओर से लगाए गए 25% के एक्स्ट्रा टैरिफ को लेकर कहा कि हमने सार्वजनिक रूप से कहा है कि हम इसदूसरे टैरिफ को बहुत अनुचित मानते हैं. रूस से एनर्जी व्यापार करने के लिए हम पर निशाना साधा गया है. लेकिन, ऐसा अन्य देशों ने भी ऐसा किया है, जिनमें वे देश भी हैं, जिनके रूस के साथ अधिक शत्रुतापूर्ण संबंध हैं. एस जयशंकर ने आगे कहा कि आखिरकार जो भी हो, लेकिन अमेरिका के साथव्यापार समझौता होना ही चाहिए, क्योंकि यह दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है.
बीते दिनों ये फिर से आगे बढ़ती हुई नजर आई
किसी भी समझौते में, कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन पर आप बातचीत कर सकते हैं और कुछ ऐसी भी होती हैं जिन पर आप बातचीत नहीं कर सकते. भारत अपने रुख को लेकर पूरी तरह से को लेकर पूरी तरह से स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि भारत-यूएस ट्रेड डील पर मार्च से ही बातचीत चल रही है. इसमेंसमस्याएं हैं, मुद्दे हैं, कोई भी इससे इनकार नहीं कर सकता, लेकिन उन पर बातचीत, चर्चा और समाधान की जरूरत है और हम यही करने का प्रयासकर रहे हैं. यहां बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से पहले भारत पर 25% का रेसिप्रोकल टैरिफ लागू किया गया था. लेकिन दोनोंदेशों के बीच ट्रेड डील बात फंसने के दौरान अमेरिका की ओर से रूसी तेल और हथियारों की खरीद के जरिए रूस को युक्रेन युद्ध में आर्थिक मददपहुंचाने का आरोप लगाया गया और एक्स्ट्रा 25% टैरिफ लगाकर इसे 50% कर दिया गया था. इसके बाद ट्रेड डील पर बातचीत पर ब्रेक लग गयाथा, लेकिन बीते दिनों ये फिर से आगे बढ़ती हुई नजर आई है….

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