
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के अभिव्यक्ति की आजादी वाले बयान पर कांग्रेस पार्टी ने पलटवार किया है। कांग्रेस ने कहा है कि अभिव्यक्ति की आजादीसंवैधानिक अधिकार है और इसे नहीं छीना जा सकता।दरअसल किरेन रिजिजू ने अपने एक बयान में आरोप लगाया कि देश को तोड़ने की बात करनाअभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। किरेन रिजिजू के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘अभिव्यक्ति कीआजादी एक संवैधानिक अधिकार है और इसे नहीं हटाया जा सकता। यह कोई बिहार की वोटर लिस्ट नहीं है, जिसे चुनाव आयोग हटा देगा। अगरअभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार नहीं होता तो किरेन रिजिजू को भी कोई बयान देने में मुश्किल होती। आप जो भी कह रहे हैं वो इसलिए क्योंकिदेश में अभिव्यक्ति की आजादी है।’
माओवादियों का समर्थन करना चाहिए
एक दिन पहले ही एक इंटरव्यू में केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर देशविरोधी एजेंडा चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि’हमारे देश में, जो लोग अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं, वे जम्मू कश्मीर और उत्तर पूर्व को देश से तोड़ना चाहते हैं। क्या ये ही उनकीअभिव्यक्ति की आजादी है? उन्हें उन अधिकारों को सुरक्षित करने की बात करनी चाहिए, जो संविधान में दिए गए हैं, न कि देश को तोड़ने की बातकरनी चाहिए। न कि माओवादियों का समर्थन करना चाहिए और न ही अनुच्छेद 370 का बचाव करना चाहिए।’
कश्मीर और उत्तर पूर्व को देश से तोड़ना चाहते
किरेन रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को राजनीतिक मंच का इस्तेमाल पीएम मोदी पर निजी हमले के लिए नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि’सुबह से लेकर शाम तक ये लोग प्रधानमंत्री मोदी को गालियां देते हैं और कहते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी को खत्म किया जा रहा है। दरअसल वेअभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का गलत इस्तेमाल करना चाहते हैं और देश को तोड़ना चाहते हैं।’केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू नेकांग्रेस पर देशविरोधी एजेंडा चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ‘हमारे देश में, जो लोग अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं, वे जम्मूकश्मीर और उत्तर पूर्व को देश से तोड़ना चाहते हैं।’