
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान में कहा कि किसी के हस्तक्षेप के कारण आतंकवादियों के खिलाफ अभियान स्थगित नहीं किया गया. राजनाथसिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर बिना नाम लिए निशाना साधा और कहा कि कुछ लोग भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रोकने का दावा करते हैं। लेकिनकिसी ने ऐसा नहीं किया. पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री ने साफ किया कि भारत ने इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को अस्वीकार कर दिया है.
हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘कुछ लोग भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रोकने का दावा करते हैं लेकिन किसी ने ऐसानहीं हुआ पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया है कि भारत ने इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को स्वीकार नहीं किया रक्षा मंत्री राजनाथ सिंहने कहा कि किसी के हस्तक्षेप के कारण आतंकवादियों के खिलाफ अभियान स्थगित नहीं किया गया.
सरे पक्ष की मध्यस्थता अस्वीकार कर दी थी
अगर भविष्य में कोई भी आतंकवादी हमला हुआ तो ऑपरेशन सिंदूर फिर से शुरू किया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि यह एक द्विपक्षीयमुद्दा है और कोई तीसरा पक्ष हस्तक्षेप नहीं कर सकता. गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार दावा कर चुके हैं कि उन्होंने पहलगामहमले के बाद हुए. भारत-पाकिस्तान संघर्ष में मध्यस्थता कराई थी, लेकिन भारत ने इस दावे को बार-बार खारिज किया और साफ कहा कि भारत औरपाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर की बातचीत के बाद संघर्ष विराम पर सहमति बनी और किसी तीसरे पक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं है. मंगलवारको पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी ट्रंप के दावे की पोल खोल दी और साफ कहा कि भारत ने संघर्षविराम में किसी भी तीसरे पक्ष कीमध्यस्थता अस्वीकार कर दी थी.
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दा
इशाक डार ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मई में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष के दौरान उनसे कहा था कि भारत ने युद्धविराम के लिए तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार कर दिया, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है. राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘रजाकारों काख़तरा पहलगाम हमले के समान है जहां लोगों का धर्म पूछकर उनकी हत्या की गई थी रजाकारों की तरह पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला भीभारत के सामाजिक सद्भाव पर एक करारा प्रहार था रक्षा मंत्री ने कहा कि आज का भारत न केवल आमने-सामने, बल्कि दुश्मन की आंखों में आंखेंडालकर जवाब देने में सक्षम है. इशाक डार ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मई में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष के दौरानउनसे कहा था कि भारत ने युद्ध विराम के लिए तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार कर दिया, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है.