
मेरा देश, मेरा सिंदूर! पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना देशद्रोह ही है! 9 सितंबर से शुरू हुए एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट में भारत, पाकिस्तान समेत 8 देश खेल रहे हैं. 14 सितंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला है, जिसको लेकर क्रिकेटप्रेमी दो गुट में बंटे हुए हैं. एक गुट जो खेलभावनाका समर्थन कर रहा है और भारत-पाक मैच से उन्हें बहुत आपत्ति नहीं, लेकिन दूसरा गुट जो शायद संख्याबल में बड़ा है, राष्ट्रप्रेम की भावना से भराहुआ है. ये गुट भारत और पाकिस्तान के बीच मैच के विरोध में है. ज्यादातर लोगों का मानना है कि भारत को पाकिस्तान के साथ मैच भी नहीं खेलनाचाहिए.
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच की अनुमति दे दी
‘भारत में मोदी के सत्ता में आने के बाद से सुविधाजनक हिंदुत्व और सुविधाजनक राष्ट्रवाद ने जोर पकड़ा है. देशभक्ति और दूसरी चीजें सिर्फ चुनाव औरवोट का जरिया बन गई हैं. अगर ऐसा न होता तो 14 सितंबर को होनेवाले भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को हरी झंडी देकर पहलगाम हमले के जख्मों पर नमक छिड़कने की कोशिश नहीं होती. दुबई में कैसा एशिया कप हो रहा है. वहां 14 सितंबर को बेशर्मी से भारत-पाकिस्तान टी-20 क्रिकेट मैच खेला जा रहा है. जनभावना है कि भारत को पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए. कश्मीर घाटी के पहलगाम हमले में लोगों काखून बहाया गया था. वह खून अभी तक सूखा नहीं है. 26 मां-बहनों की आंखों से अभी भी आंसू बह रहे हैं. मृतकों के बाल-बच्चे और मित्र परिवार उससदमे से उबर नहीं पाए हैं. पाकिस्तान ने इस आतंकी हमले को अंजाम दिया. जिसके चलते भारतीय जनता में पाकिस्तानियों के प्रति भारी आक्रोश था, बावजूद मोदी सरकार ने ‘वैश्विक’ और ‘अंतरराष्ट्रीय’ नियमों आदि का हवाला देकर भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच की अनुमति दे दी.’
उसे अपने नियंत्रण में ले लेंगे
‘दरअसल, पहलगाम हमले के तुरंत बाद, इसी मंडली ने एक जोरदार हिंदुत्ववादी मुद्दा उठाया था, जो यह था कि ‘जिन आतंकवादियों ने पहलगाम मेंघुसकर पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी करके 26 लोगों की जान ले ली, उन सभी को उनका धर्म पूछकर मारा गया.’ यह भयानक है, लेकिन फिर हमेंयह भी देखना ही होगा कि क्या दुबई में हो रहे भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच में पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने धर्मांतरण कर लिया है या फिर भारत के लिएखेलनेवालों ने अपना वैचारिक सुन्नत करवा लिया है. पहलगाम हमले के बाद मोदी, शाह और अन्य नेताओं द्वारा व्यक्त किए गए दु:ख के अनुसार, ‘अब हम पाकिस्तान की कमर इस तरह तोड़ देंगे, ताकि पाकिस्तान फिर कभी दुनिया के नक्शे पर न दिखे. अब हम पाकिस्तान से निर्णायक लड़ाईलड़ेंगे और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर उसे अपने नियंत्रण में ले लेंगे,’
दर्द सरकार के चेहरे पर दिखाई नहीं देता
वे दहाड़े और वे सही भी थे. उस समय हिंदुस्तान ने बिगुल बजाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपतिट्रंप के दबाव में इसे रोक दिया गया. राष्ट्रपति ट्रंप बार-बार कहते हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्ध रुकवाया. बिना कोई स्पष्टीकरण दिए, प्रधानमंत्रीमोदी इस बात पर ताल ठोकते हैं कि अमेरिका हमारा मित्र है. प्रधानमंत्री चीन गए, जिसने भारत के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान की खुलकर मदद कीऔर वर्णन किया कि कैसे चीन ने हमारे लिए लाल कालीन बिछाया, लेकिन चीन के सहयोग से पाकिस्तान कश्मीर में ‘पहलगाम’ की तरह हिंदुओं काखून बहा रहा है. हमारी माताओं और बहनों के माथे का कुमकुम यानी सिंदूर उजाड़ रहा है. इसका दर्द सरकार के चेहरे पर दिखाई नहीं देता.’ भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच बेशर्मी की पराकाष्ठा है. मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, लेकिन जो लोग कहते हैं कि वे मिटाए गए सिंदूर का बदला लेंगे, वे पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलते नजर आते हैं. पाकिस्तान में ‘घुसकर मारेंगे’ ऐसा वचन देनेवाले पाकिस्तान के किस अंग में घुस गए यह उन्हेंही पता होगा. भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच भारतीय महिलाओं के सिंदूर का अपमान है. यह उन हिंदुओं के बलिदान का अपमान है, जिनकीपाकिस्तान ने निर्दयतापूर्वक हत्या की.