
राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अभद्र भाषा के इस्तेमाल पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीखा विरोध जताया है और प्रचंड प्रदर्शनकिया. बीजेपी नेताओं ने इसे न केवल अनावश्यक बल्कि अनुशासनहीनता का प्रतीक भी करार दिया. बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी के बयानको “निंदनीय” और “राजनीतिक गरिमा के खिलाफ” बताया और इस पर पार्टी ने विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत कर दी. बीजेपी का कहना है कि राहुलगांधी को अपनी भाषा और आचरण में संयम रखना चाहिए, खासकर जब वे एक राष्ट्रीय नेता हैं पार्टी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी जानबूझकरप्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी की छवि को धूमिल करने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं.
लोकतंत्र के संस्थानों का भी अपमान
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के खिलाफ सड़कों पर उतरकर नारेबाजी की और उनके बयान का विरोध किया. पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजितकर राहुल गांधी से इस विवादास्पद टिप्पणी पर माफी मांगने की मांग की. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी के बयान पर तीखाहमला किया और कहा कि “यह राजनीति की मर्यादा को लांघने जैसा है. हालांकि राहुल गांधी ने अपनी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दियाहै, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने यह तर्क दिया कि उनका बयान “राजनीतिक आलोचना” के दायरे में आता है और यह भारतीय राजनीति की एक सामान्यप्रक्रिया है. बीजेपी ने राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है, और इस मुद्दे को संसद में उठाने की योजना बनाई है. पार्टी काकहना है कि यह मामला सिर्फ एक अपमानजनक बयान नहीं बल्कि भारतीय लोकतंत्र के संस्थानों का अपमान है.
चुनाव में बन सकता है मुद्दा
यह मामला अब देशभर में चर्चा का विषय बन चुका है. बीजेपी के प्रदर्शनों और कांग्रेस की प्रतिक्रियाओं के बीच राजनीतिक गलियारों में गर्मा-गर्मी हैकई विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आगामी चुनावों में भी एक मुद्दा बन सकता है, क्योंकि यह पार्टी की छवि और उनके चुनावी रणनीतियोंको प्रभावित करेगा. कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर एक प्रेस नोट जारी किया है, जिसमें राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा गया कि उनके बयानका उद्देश्य किसी की व्यक्तिगत छवि पर हमला करना नहीं था, बल्कि यह सरकार की नीतियों पर आलोचना करने की प्रक्रिया थी कांग्रेस ने यह भीबताया कि राहुल गांधी हमेशा से सरकार की नीतियों का विरोध करते रहे हैं, जो गरीबों, किसानों और आम जनता के खिलाफ हैं.