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गलवां घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच टकराव को पांच वर्ष बीत चुके हैं और अब दोनों देश संबंधों को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहेहैं. यह घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका ने भारत के सामानों पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है. इसी कड़ी में चीन के विदेश मंत्री वांग यीभारत आए और सोमवार को उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ वार्ता की उनका यह दौरा एशिया की इन दोनों ताकतों के बीच संबंध सुधारनेकी दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है. दोनों देश अमेरिकी टैरिफ युद्ध से पैदा हुई वैश्विक अस्थिरता का मुकाबला करना चाहते हैं. बैठक मेंजयशंकर ने कहा कि वांग यी का यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने का एक अच्छा अवसर है.

विश्व व्यवस्था की कर रहे है बात
उन्होंने कहा, हमारे संबंधों ने एक मुश्किल दौर देखा है, लेकिन अब हम आगे बढ़ना चाहते हैं. इसके लिए दोनों पक्षों की ओर से ईमानदार औररचनात्मक रुख जरूरी है. जयशंकर ने आगे कहा, हमें आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और आपसी हितों के आधार पर आगे बढ़ना चाहिए. मतभेदों कोविवाद नहीं बनने देना चाहिए और प्रतिस्पर्धा को टकराव का रूप नहीं लेने देना चाहिए. बाद में उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच बातचीत मेंआर्थिक और व्यापारिक मुद्दे, धार्मिक यात्रा, लोगों के बीच संपर्क, नदी से जुड़ा डाटा साझा करना, सीमा व्यापार, संपर्क और द्विपक्षीय आदान-प्रदानजैसे विषय शामिल होंगे. जयशंकर ने कहा, हमारे संबंधों में कोई सकारात्मक प्रगति तभी संभव है जब हम मिलकर सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखें. सीमा से सैनिकों को हटाने (डी-एस्केलेशन) की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना भी जरूरी है. विदेश मंत्री ने कहा, जब दुनिया के दो सबसे बड़े देश मिलते हैंतो अंतरराष्ट्रीय परिदृष्य पर बात होना स्वाभाविक है। हम एक निष्पक्ष, संतुलित और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की बात करते हैं.

गंभीर चुनौतियों का सामना
जिसमें एशिया भी बहुध्रुवीय हो इस समय वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनाए रखना बेहद जरूरी है,उन्होंने यह भी कहा कि भारत को उम्मीद है कियह चर्चा एक स्थिर, सहयोगात्मक और भविष्य की ओर देखती हुई भारत-चीन साझेदारी की ओर ले जाएगी, जो दोनों देशों की हितों की सेवा करे औरउनकी चिंताओं को संबोधित करे. सूत्रों के मुताबिक, चीन ने भारत की तीन मुख्य चिंताओं (खाद, दुर्लभ खनिज और टनल बोरिंग मशीन) को दूर करनेका भरोसा दिलाया है. इन सब में दुर्लभ खनिज सबसे महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनका इस्तेमाल स्मार्टफोन और आधुनिक सैन्य उपकरणों के निर्माण मेंहोता है इनका अधिकांश उत्पादन चीन में होता है. बैठक के बाद चीन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि वांग यी ने जयशंकर से कहा कि दुनियाइस समय ‘सदी में एक बार आने वाले बदलावों’ के दौर से गुजर रही है और वह भी बहुत तेजी से उन्होंने अमेरिका की ओर इशारा करते हुए कहा, एकतरफा दबदबा और जोर-जबरदस्ती बढ़ चुकी है और मुक्त व्यापार और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.

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