
संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के हंगामे के बीच मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित की गई। इस बीचसरकार ने कई सवालों के जवाब दिए. सरकार ने एक सांसद के सवाल के जवाब में कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की योजना नहीं है. वहींएक देश, एक चुनाव वाली संसदीय समिति के कार्यकाल में विस्तार किया गया है. केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री एसपी सिंहबघेल ने संसद को बताया कि केंद्र सरकार गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने वाला कोई कानून बनाने की योजना नहीं बना रही है.
अंतिम सप्ताह तक नया विस्तार
लोकसभा में भाजपा के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बघेल ने कहा कि संविधान केअनुच्छेद 246(3) के अनुसार संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण के तहत पशुओं का संरक्षण एक ऐसा मामला है जिस पर राज्यविधानमंडल को कानून बनाने की विशेष शक्तियां प्राप्त हैं. मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार गायों के संवर्धन, संरक्षण और पालन के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा की गई पहलों को समर्थन और मजबूती देने के लिए दिसंबर 2014 से राष्ट्रीय गोकुल मिशन को क्रियान्वित कर रही है. 2024 मेंदेश के कुल दूध उत्पादन 239.30 मिलियन टन में गाय के दूध का योगदान 53.12 प्रतिशत था. जबकि भैंस के दूध का योगदान 43.62 प्रतिशतथा.
लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की प्रणाली को लागू करने के लिए दो विधेयकों की जांच कर रही संसदीय समिति को मंगलवार कोशीतकालीन सत्र के अंतिम सप्ताह तक का नया विस्तार दिया गया.
आम चुनावों को है साथ कराना
संसद की संयुक्त समिति (जेसीपी) के अध्यक्ष पीपी चौधरी द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया. पैनल को अपनी रिपोर्टप्रस्तुत करने के लिए शीतकालीन सत्र, 2025 के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक का समय दिया गया है। विधेयक का उद्देश्य संघ शासित प्रदेशों कीविधानसभाओं के आम चुनावों को लोक सभा के आम चुनावों के साथ कराना है, जो पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की सरकार की नीति का एकअभिन्न अंग है. मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित की गई. इस बीच सरकार ने कई सवालों के जवाब दिए. सरकारने एक सांसद के सवाल के जवाब में कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की योजना नहीं है.