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दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक-2025 परगंभीर चर्चा हुई लेकिन यह पास नहीं हो सका. शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इस बिल को लाखों अभिभावकों के लिए राहतकारी बताया. उन्होंने कहा किये निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर लगाम लगाएगा. सत्ता पक्ष के विधायकों ने इसे अभिभावकों के हित में क्रांतिकारी कदम बताया. बुधवार कोसदन में इस बिल के पास होने की उम्मीद है. विधानसभा में मंगलवार को बहुप्रतीक्षित दिल्ली स्कूल शिक्षा विधेयक पर चर्चा के दौरान गहमागहमीरही. ये बिल सोमवार को शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने सदन में पेश किया था लेकिन दो दिन बाद भी यह पास नहीं हो सका. सत्ताधारी भाजपा केविधायकों ने इसे दिल्ली के 18 लाख बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए गेम चेंजर बताया शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने चर्चा में कहा कि ये बिलदिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1973 को और मजबूत करता है, उसे कमजोर नहीं.

10 लाख तक का जुर्माना
मंत्री सूद ने साफ किया कि एक भी अभिभावक की शिकायत पर शिक्षा विभाग मनमानी फीस वृद्धि के खिलाफ कार्रवाई करेगा. इस बिल के प्रमुखप्रावधानों ने अभिभावकों में उम्मीद जगाई है. सभी निजी स्कूलों को हर तीन साल में प्रस्तावित फीस स्ट्रक्चर जमा करना होगा और बदलाव सिर्फ तीनसाल में एक बार ही हो सकेगा. स्कूलों को अपनी वित्तीय स्थिति सार्वजनिक करनी होगी. अगर कोई स्कूल बिना इजाजत फीस बढ़ाता है तो 1 लाख से 10 लाख तक का जुर्माना लगेगा. बार-बार गलती करने पर यह जुर्माना दोगुना या तिगुना हो सकता है. अगर कोई स्कूल फीस के लिए बच्चे को तंग करता है तो प्रति बच्चा 50,000 रुपये का जुर्माना लगेगा. गंभीर मामलों में स्कूल की मान्यता रद्द हो सकती है या सरकार उसका प्रबंधनअपने हाथ में ले सकती है. भाजपा विधायक राजकुमार भाटिया ने कहा कि ये बिल दिल्ली के लाखों अभिभावकों के लिए राहत है. विधायक तरविंदरसिंह मारवाह ने कहा कि बिल में छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा गया है. अगर कोई स्कूल फीस के लिए अभिभावकों या बच्चों को परेशान करता है, तो उसे सजा मिलेगी.
सरकार का किया धन्यवाद
बिल में तीन स्तरों स्कूल, जिला और राज्य स्तर की शिकायत निवारण प्रणाली होगी. फीस तय करने में स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टाफ की सैलरी औरसालाना वृद्धि को ध्यान में रखा जाएगा लेकिन मुनाफाखोरी पर सख्त रोक होगी. विवाद के दौरान स्कूल केवल पिछले साल की फीस ही वसूल सकेंगे. शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों से इस बिल का समर्थन करने की अपील की. हालांकि विपक्ष ने इस बिल पर कुछ सवाल उठाए जिसके चलते यहमंगलवार को पास नहीं हो सका. अब बुधवार को होने वाली चर्चा और मतदान पर सबकी नजर है. अगर यह बिल पास हो जाता है तो दिल्ली के निजीस्कूलों की फीस व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा. मंगलवार को कुछ अभिभावकों ने दिल्ली विधानसभा परिसर में आकर इस बिल को लाने के लिएसरकार का धन्यवाद भी किया.

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