
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दर्ज आपराधिक मामले में सुनवाई पर लगी रोक को शुक्रवार को आगे बढ़ा दिया. यहमामला 2022 में विनायक दामोदर सावरकर पर की गई टिप्पणी से जुड़ा है. न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ नेमामले में स्थगन की मांग को स्वीकार करते हुए सुनवाई चार सप्ताह के लिए टाल दी. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गरिमाप्रसाद ने अदालत को बताया कि राज्य ने राहुल गांधी की याचिका का जवाब दाखिल कर दिया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस नेता की याचिका काविरोध करते हुए कहा कि अधिवक्ता नृपेन्द्र पांडे द्वारा दर्ज की गई शिकायत उचित है और राहुल गांधी के बयान समाज में घृणा फैलाने के उद्देश्य सेदिए गए थे.
सेनानियों का नहीं किया जाना चाहिए उपहास
25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की टिप्पणी को ‘गैर-जिम्मेदाराना’ बताया था और कहा था कि आजादी के सेनानियों का उपहास नहीं कियाजाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि दिल्ली हाईकोर्ट 28 जुलाई को उस याचिका पर सुनवाई करे, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा फिल्म ‘उदयपुरफाइल्स’ को रिलीज की मंजूरी दिए जाने को चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि यह फिल्म समाज में नफरत और सांप्रदायिक तनावफैला सकती है. केंद्र ने इस फिल्म को प्रदर्शन के लिए हरी झंडी दी थी, जिसके खिलाफ कुछ संगठनों ने कोर्ट में याचिका दाखिल की है. उनका कहनाहै कि फिल्म का कंटेंट एकतरफा है और यह विशेष समुदाय को निशाना बना सकता है. अब हाईकोर्ट तय करेगा कि फिल्म की रिलीज पर रोक लगाईजाए या नहीं. यह मामला अभिव्यक्ति की आजादी बनाम सामाजिक जिम्मेदारी के सवाल को एक बार फिर चर्चा में ला रहा है.
याचिका का दवाब किया दाखिल
यू.पी. सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने याचिका का जवाब दाखिल कर दिया है औरबताया गया कि शिकायतकर्ता नृपेन्द्र पांडे द्वारा की गई शिकायत उचित है और गांधी के बयान से घृणा फैलने का इरादा थाअप्रैल में सुप्रीम कोर्ट नेराहुल गांधी के बयान को “गैर‑जिम्मेदाराना” बताया था और कहा था कि स्वतंत्रता सेनानियों का उपहास नहीं किया जाना चाहिए सुप्रीम कोर्ट ने राहुलगांधी को साफ निर्देश दिया कि आगे से कोई अपमानजनक बयान नहीं दें, विशेष रूप से स्वतंत्रता सेनानियों के संबंध में, उदाहरण के लिए आदिसुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी के खिलाफ 2022 की टिप्पणी (विनायक दामोदर सावरकर पर विवादित बयान) से जुड़े आपराधिक मामलेमें शून्य अवधि की स्थगन में चार सप्ताह की बढ़ोतरी की है. यह सुनवाई सीमा 4 सप्ताह बाद पुनर्निर्धारित की गई है.