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कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में इन दिनों एयरोस्पेस पार्क को लेकर ठनी हुई है कर्नाटक द्वारा एयरोस्पेस पार्क के लिए बंगलूरू के नजदीक देवनहल्लीइलाके में भूमि अधिग्रहण रोकने के बाद आंध्र प्रदेश के मंत्री और चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश के तंज पर अब जवाब देने के लिए प्रियांक खरगेआगे आए हैं. उन्होंने कहा कि एयरोस्पेस सेक्टर के लिए आंध्र प्रदेश एक नया राज्य है. वे यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे कि उन्हेंनया निवेश मिले, लेकिन हमारे पास पहले से ही इस सेक्टर के लिए एक विकसित पारिस्थितिकी तंत्र है इसे देखते हुए लोग अब भी हमारे पास हीआएंगे. दरअसल किसान और सामाजिक संगठन एयरोस्पेस पार्क के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ कई महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.
भूमि अधिग्रहण का रोका दिया था काम
जिसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एयरोस्पेस पार्क के लिए बंगलूरू के नजदीक देवनहल्ली इलाके में 1,777 एकड़ भूमि अधिग्रहण काकाम रोक दिया है. किसानों और अन्य संगठनों के 1200 दिन चले भारी विरोध प्रदर्शन के बाद इसे किसानों की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है. जिसके बाद आंध्र प्रदेश सरकार के मंत्री और सीएम चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश ने पड़ोसी राज्य पर तंज कसते हुए एयरोस्पेस उद्योग से अपीलकी है कि वे आंध्र प्रदेश में निवेश करें. जैसे ही कर्नाटक सरकार ने भूमि अधिग्रहण रोकने का आदेश जारी किया. वैसे ही आंध्र प्रदेश के मंत्री नारालोकेश ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर एयरोस्पेस उद्योग से जुड़े लोगों को आंध्र प्रदेश में निवेश करने की पेशकश कर दी. नारा लोकेश नेलिखा कि ‘प्रिय एयरोस्पेस उद्योग, इसके बारे में सुनकर दुख हुआ, लेकिन मेरे पास आपके लिए एक बेहतर उपाय है. आप आंध्र प्रदेश में निवेश क्योंनहीं करते? हमारी एयरोस्पेस नीति काफी लुभावनी है और हम बेहतर इनसेंटिव दे सकते हैं. साथ ही हमारे पास 8000 एकड़ तैयार जमीन है, वो भीबंगलूरू के बिल्कुल बाहर मुझे उम्मीद है कि आप जल्द ही बातचीत की मेज पर दिखेंगे.


नारा लोकेश को जवाब देते हुए प्रियांक खरगे ने कहा कि आंध्र प्रदेश एक नया राज्य है और वे यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे किउन्हें नया निवेश मिले. वे 99 पैसे प्रति एकड़ की दर से जमीन देंगे, उन्हें निवेश आकर्षित करने की जरूरत है, इसलिए वे इसके बारे में खूब शोर मचारहे हैं हालांकि हम सब्सिडी और प्रोत्साहन भी देते हैं, लेकिन हमें वह करने की जरूरत नहीं है जो उन्हें करना है.

एयरोस्पेस में नंबर एक
चाहे वह आंध्र प्रदेश हो , तेलंगाना हो या महाराष्ट्र , हमारी प्रतिस्पर्धा सबसे अलग है. इसके बारे में बात करने के लिए हमारे पास आंकड़े हैं. पिछलेसाल हमारा आईटी निर्यात करीब 4.5 लाख करोड़ रुपये था. उन्होंने आंकड़े गिनाते हुए कहा कि हम यूनिकॉर्न, एयरोस्पेस रक्षा निर्माण में नंबर एक हैं।बावजूद इसके हमें प्रतिस्पर्धा पसंद है, वे मुफ्त जमीन, पानी और जितनी चाहें उतनी सब्सिडी दे सकते हैं, लेकिन लोग फिर भी हमारे पास आएंगे।इसका किसानों को कुछ एकड़ जमीन वापस देने से कोई लेना-देना नहीं है।
कर्नाटक के मंत्री एमबी पाटिल ने भी इस मसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर वास्तविक उद्योग के लिए भूमि उपलब्धकराने के लिए प्रतिबद्ध है. आंध्र प्रदेश में एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग स्थापित करना उनका अधिकार है. लेकिन सिर्फ एक जमीन विवाद की घटना केकारण यह नहीं कि सब खत्म हो गया हमारे पास पर्याप्त जगह और जमीन है। हम एयरोस्पेस रक्षा के क्षेत्र में देश के 65 प्रतिशत से ज़्यादा का योगदानदे रहे हैं. हमारे राज्य में जमीन की कमी के कारण एक भी उद्योग बंद नहीं होगा.

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