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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कोलकाता की सड़कों पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेताओं और सांसद अभिषेकबनर्जी के साथ एक बड़े विरोध मार्च का नेतृत्व किया। यह विरोध प्रदर्शन भाजपा शासित राज्यों में बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों के कथित उत्पीड़न केखिलाफ था।

भाजपा पर लगाया बांग्लाभाषियों को निशाना बनाने का आरोप
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और भाजपा पर बंगालियों के खिलाफ षड्यंत्र करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “भाजपा बंगाली बोलने वालों कोरोहिंग्या बताकर बदनाम कर रही है, जबकि रोहिंग्या म्यांमार में हैं। पश्चिम बंगाल भारत का हिस्सा है, फिर यहां के नागरिकों को ऐसे क्यों निशानाबनाया जा रहा है?”
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा बंगालियों को डिटेंशन सेंटरों में भेजना चाहती है, और यह पूरे समुदाय की गरिमा पर हमला है।

मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सवाल
बनर्जी ने चुनाव आयोग के विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया एक सोची-समझीरणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य खासकर प्रवासी और वंचित समुदाय के वैध मतदाताओं के नाम सूची से हटाना है।

उन्होंने कहा, “वे अब 2002 की मतदाता सूची की जांच की बात कर रहे हैं। इतने वर्षों में न जाने कितने लोगों की मौत हुई है, कितने नए बच्चे जन्मेहैं। हर नागरिक को सतर्क रहना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका नाम मतदाता सूची में हो, वरना उन्हें जेल तक भेजा जा सकता है।”

बांग्ला में और बोलूंगी, चाहे निरुद्ध कर दो
ममता बनर्जी ने अपने भाषण में बंगाली भाषा के सम्मान की भी बात कही। उन्होंने कहा, “मैं अब और अधिक बांग्ला में बोलूंगी। अगर आपको लगताहै कि इसके लिए मुझे निरुद्ध केंद्र में डालना है, तो डाल दो। मैं डरने वाली नहीं हूं।” उन्होंने भाजपा के रवैये को “निराशाजनक और अपमानजनक” बताया।

टीएमसी का आरोप, बंगाली पहचान पर सीधा हमला
तृणमूल कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि भाजपा अब बंगाली पहचान को छुप-छुपाकर नहीं, बल्कि खुले तौर पर, जानबूझकर और घृणा से प्रेरित होकर निशाना बना रही है। पार्टी ने डबल इंजन सरकारों पर बंगाली प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ कार्रवाई करने काआरोप लगाया।

टीएमसी ने यह भी दावा किया कि उत्तर 24 परगना के मतुआ समुदाय के छह सदस्यों, जिनमें कुछ नाबालिग भी शामिल थे, को महाराष्ट्र पुलिस नेकथित रूप से अवैध रूप से हिरासत में लिया, जबकि उनके पास सभी वैध पहचान पत्र थे।

चुनाव से पहले ममता सरकार पर दबाव
राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, और ममता बनर्जी की सरकार पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोपों और हालिया आपराधिक घटनाओं जैसेआर.जी. कर अस्पताल कांड और एक लॉ छात्रा के यौन उत्पीड़न को लेकर विपक्ष के निशाने पर है। इन सबके बीच मुख्यमंत्री ने भाजपा पर जनता कोबांटने और बंगाली अस्मिता पर हमला करने का आरोप लगाया है।

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