
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार को अमरनाथ यात्रा में शामिल तीर्थयात्रियों के काफिले की तीन बसें एक-दूसरे से टकरा गईं। यह हादसाजम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के खुदवानी क्षेत्र में टाचलू क्रॉसिंग के पास उस समय हुआ, जब बालटाल की ओर तीव्र गति से बढ़ रहा काफिलाअचानक रुका। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक बस के अचानक ब्रेक लगाने पर पीछे आ रही दो अन्य बसें उससे टकरा गईं। कुछ खबरों में यह भीबताया गया है कि दुर्घटना ओवरटेक करने की कोशिश के दौरान हुई।
स्थानीय प्रशासन ने संभाला मोर्चा, घायलों को मिली मदद
घटना की सूचना मिलते ही राहत दल और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा और घायलों को तुरंत पास के अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल केडॉक्टरों ने बताया कि सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) अनंतनाग रेफर कर दिया गया है। डॉक्टरों केअनुसार, उन्हें सामान्य चोटें आई हैं और सभी की हालत फिलहाल स्थिर है। एहतियातन, काफिले की आवाजाही को कुछ समय के लिए रोका गयाऔर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
तीव्र गति से जारी है अमरनाथ यात्रा
गौरतलब है कि इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हुई है और अब तक लगभग 1.63 लाख श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। शनिवारको भी जम्मू से 6,639 तीर्थयात्रियों का नया जत्था कश्मीर के लिए रवाना हुआ।
दो मार्गों से होती है यात्रा, हेलीकॉप्टर सेवा नहीं
तीर्थयात्री दो मुख्य मार्गों से यात्रा करते हैं पहलगाम और बालटाल। पहलगाम रूट पर चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी होते हुए श्रद्धालु 46 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं, जिसे पूरा करने में लगभग चार दिन लगते हैं। वहीं, बालटाल मार्ग अपेक्षाकृत छोटा है, जिसमें 14 किलोमीटर की यात्रा कर श्रद्धालु उसी दिन वापस आधार शिविर लौट आते हैं। इस बार सुरक्षा कारणों से यात्रियों को हेलीकॉप्टर सुविधाउपलब्ध नहीं कराई गई है।
9 अगस्त को यात्रा का समापन
इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा 38 दिनों तक चलेगी और इसका समापन 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा एवं रक्षाबंधन के दिन होगा। प्रशासन की ओर सेयात्रा को सुचारु और सुरक्षित बनाए रखने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। हादसे के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह बना हुआ है और यात्रा कासिलसिला जारी है।