
दिल्ली में हालिया बारिश ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चारों स्तरों पर सरकारों की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया है। आम आदमीपार्टी (आप) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में बीजेपी के चारों इंजन केंद्र, एलजी, एमसीडी और डीडीए सब के सब फेलहो गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जलभराव को रोकने के बड़े-बड़े दावे सिर्फ दिखावा थे, और अब जनता उस नाकामी की कीमत चुका रही है।
सिर्फ फोटोशूट, नतीजा शून्य
सौरभ भारद्वाज ने तंज कसते हुए कहा कि डि-सिल्टिंग के नाम पर मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल और मंत्री सिर्फ फोटोज खिंचवाते रहे। बड़े स्तर पर प्रचारकिया गया कि दिल्ली जलभराव से मुक्त होगी, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी दिल्ली के लोग जलजमाव और ट्रैफिक जाम से जूझते रहे। उन्होंनेसोशल मीडिया पर जलभराव की तस्वीरें और वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि सरकारी मशीनरी पूरी तरह फेल रही।
प्रवेश वर्मा के 400 सस्पेंशन लेटर कहां गए?
भारद्वाज ने भाजपा नेता और मंत्री प्रवेश वर्मा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने दावा किया था कि जलभराव होने पर 400 सस्पेंशन लेटर तैयारहैं। अब जब दिल्ली पानी-पानी हो चुकी है, तो पूछा जाना चाहिए कि आखिर कितने अधिकारियों को निलंबित किया गया? उन्होंने कहा कि सरकार नेयह भी कहा था कि हर क्षेत्र के लिए एक जिम्मेदार अधिकारी तय किया गया है। ऐसे में कार्रवाई कहां है?
नालों की सफाई में भ्रष्टाचार, कार्रवाई क्यों नहीं?
आप नेता ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नालों की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये के ठेके दिए गए और यह काम सिर्फ कागजों पर ही हुआ।उन्होंने याद दिलाया कि मंत्री रहते हुए उन्होंने थर्ड पार्टी ऑडिट की मांग की थी, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अबसरकार इन ठेकों की जांच कराएगी और दोषियों पर कार्रवाई करेगी?
बीजेपी-प्रशासन की मिलीभगत
सौरभ भारद्वाज ने यह भी आरोप लगाया कि अगर भ्रष्टाचार के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, तो इसका साफ मतलब है कि बीजेपी सरकार औरअधिकारियों के बीच मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि जब एलजी खुद भाजपा से हैं और सस्पेंशन की ताकत उन्हीं के पास है, फिर भी कोई कदम नहींउठाया गया, तो इसका मतलब स्पष्ट है भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी हैं।
जनता खुद निकाल रही एंबुलेंस
उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पटेल नगर में जलभराव में फंसी एंबुलेंस का वीडियो साझा करते हुए कहा कि जब सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गईं, तोस्थानीय लोग खुद मरीजों की मदद में जुटे। उन्होंने कहा कि एलजी से लेकर मंत्री तक सबने सिर्फ बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन जमीन पर कुछ नहींकिया गया।