
बिहार के पूर्णिया जिले से एक खौफनाक घटना सामने आई है। अंधविश्वास के चलते एक ही परिवार के पांच सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी गई।यह घटना रजीगंज पंचायत के टेटगमा गांव की है, जहां ग्रामीणों ने डायन होने का आरोप लगाकर पूरे परिवार को घर से बाहर खींचा, पीटा, जिंदाजलाया और फिर शव गायब कर दिए।
भीड़ ने तालाब के पास ले जाकर दिया खौफनाक अंजाम
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, देर रात करीब 3 बजे गांव के लगभग 250 लोग बाबूलाल उरांव, उनकी पत्नी सीता देवी, मां कातो मोसमात, बेटे मनजीतउरांव और बहू रानी देवी को जबरन घर से बाहर निकालकर तालाब के पास ले गए। वहां पहले सभी को बेरहमी से पीटा गया और फिर पेट्रोलछिड़ककर उन्हें जिंदा जला दिया गया। इसके बाद शवों को गायब कर दिया गया।
डायन बताकर किया कत्लेआम, दो आरोपी हिरासत में
घटना के पीछे झाड़फूंक करने वाले नकुल उरांव की भूमिका सामने आई है। जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले गांव के रामदेव उरांव के बेटे कीमौत हुई थी, जिसके बाद उसका भतीजा बीमार पड़ा। तब तांत्रिक नकुल उरांव ने दावा किया कि सीता देवी और कातो देवी ने टोना-टोटका किया है।इसी के बाद यह भयावह घटना अंजाम दी गई। पुलिस ने नकुल उरांव समेत दो लोगों को हिरासत में लिया है।
तीन शव नदी किनारे से बरामद
पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल की छानबीन शुरू कर दी है। एसडीपीओ पंकज शर्मा ने बताया कि अब तक तीन शव बरामद किए जा चुकेहैं, जो नदी किनारे फेंके गए थे। बाकी शवों की तलाश जारी है। फॉरेंसिक विशेषज्ञों और डॉग स्क्वायड की टीम भी मौके पर मौजूद है।
पुलिस ने संभाला मोर्चा, आला अधिकारी पहुंचे घटनास्थल
घटना की गंभीरता को देखते हुए पूर्णिया की एसपी स्वीटी सहरावत और एएसपी आलोक कुमार मौके पर पहुंचे हैं। कई थानों की पुलिस को तैनातकिया गया है ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। पूरे गांव में दहशत और आक्रोश का माहौल है।
तेजस्वी यादव का हमला
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस घटना को लेकर नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “पूर्णिया में एक हीपरिवार के पांच लोगों को जिंदा जलाकर मारा गया। बिहार में अराजकता चरम पर है। सिवान, बक्सर, भोजपुर जैसे जिलों में पहले ही नरसंहार कीघटनाएं हो चुकी हैं और अब पूर्णिया में भी वीभत्स वारदात सामने आई है। सरकार मस्त है, पुलिस पस्त है, अपराधी सतर्क हैं।”