
बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने रविवार, 6 जुलाई 2025 को पटना स्थित सदाकत आश्रम में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में चुनावआयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने चुनाव आयोग के उस नवीनतम विज्ञापन को लेकर चिंता जताई जिसमें यह कहा गया है कि मतदाता सूची केपुनरीक्षण के दौरान आवश्यक दस्तावेजों और फोटो की अनिवार्यता नहीं है। राजेश राम ने इसे एक संभावित “राजनीतिक षड्यंत्र” करार दिया, जिससेमतदाताओं को धोखा देने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की आशंका है। उन्होंने कहा कि आयोग की ओर से जारी पोस्टर में स्पष्ट कियागया है कि यदि कोई व्यक्ति आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाता है, तो वह केवल फॉर्म भरकर बूथ स्तर अधिकारी को सौंप सकता है। इसकेबाद निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ERO) स्थानीय स्तर पर जांच कर यह तय करेगा कि फॉर्म भरने वाला व्यक्ति पात्र है या नहीं।
राजेश राम ने सवाल उठाया कि जब ERO को दस्तावेजों के बिना भी नाम जोड़ने या हटाने का अधिकार दे दिया गया है, तो फिर पूरी प्रक्रिया कीपारदर्शिता और प्रासंगिकता क्या रह जाती है? उन्होंने आशंका जताई कि इस प्रक्रिया का दुरुपयोग करके सत्ताधारी भाजपा-जेडीयू गठबंधन मतदातासूची से विपक्ष समर्थक नामों को हटाने की कोशिश कर सकता है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जनवरी 2025 में ही बिहार में विशेष मतदातापुनरीक्षण अभियान चलाया गया था, जिसमें घर-घर जाकर सर्वे, दस्तावेजों का सत्यापन, दावों और आपत्तियों का प्रदर्शन और अंतिम मतदाता सूचीका प्रकाशन हो चुका है। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले दोबारा यही प्रक्रिया शुरू किया जाना संदेह पैदा करता है।
राजेश राम ने चुनाव आयोग से यह मांग की कि वह इस प्रक्रिया को तत्काल रोके और स्पष्ट करे कि मतदाताओं की जानकारी और भागीदारी कोसुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों से खबरें आ रही हैं कि लोग फॉर्म भरने में सक्षम नहीं हैं, जिससे व्यापकभ्रम और असंतोष का माहौल बन रहा है।
इस संवाददाता सम्मेलन में राजेश राम के साथ कांग्रेस विधान परिषद में दल के नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा, राष्ट्रीय मीडियापैनलिस्ट प्रेम चंद मिश्र, मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़, सोशल मीडिया प्रमुख सौरभ सिंहा, असित नाथ तिवारी, मंजीत आनंद साहू और प्रो. विजय कुमार सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।