
ईरान और इजराइल के बीच चल रही सैन्य झड़पों ने वैश्विक हवाई यातायात को भी प्रभावित किया है। हाल ही में ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी अल-उदीद मिलिट्री बेस को निशाना बनाकर मिसाइल हमला किया। इसके बाद कतर, बहरीन, यूएई, इराक और कुवैत ने एहतियात के तौर पर अपनेएयरस्पेस को अस्थायी रूप से बंद कर दिया।
भारत से मिडिल ईस्ट जाने वाली उड़ानें रद्द
एयरस्पेस प्रतिबंधों के चलते भारत से मिडिल ईस्ट की ओर जाने वाली 50 से अधिक उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। अकेले दिल्ली एयरपोर्ट से 40 से ज्यादा उड़ानें प्रभावित हुई हैं। जयपुर से 6, लखनऊ से अबूधाबी और शारजाह के लिए 2 उड़ानें और अहमदाबाद से लंदन, अबूधाबी, कुवैत, दोहाजैसी जगहों से आने वाली 5 उड़ानें कैंसिल हुई हैं। अमृतसर से दुबई जाने वाली फ्लाइट SG-55 भी रद्द कर दी गई है।
एयरलाइंस ने जारी किया बयान
इंडिगो एयरलाइंस ने कहा है कि जैसे-जैसे मिडिल ईस्ट के एयरपोर्ट फिर से चालू हो रहे हैं, वैसे-वैसे सेवाएं बहाल की जा रही हैं। कंपनी ने यह भीस्पष्ट किया है कि वह यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए केवल सुरक्षित मार्गों का ही उपयोग कर रही है।
अकासा एयर ने भी इसी दिशा में बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए उनकी सभी उड़ानें केवल सुरक्षितएयरस्पेस में संचालित की जाएंगी।
संघर्ष की शुरुआत
इस सैन्य संघर्ष की शुरुआत 13 जून को इजराइल के हमले से हुई, जिसे “Operation Rising Lion” नाम दिया गया। इस हमले में ईरान केरिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कई शीर्ष कमांडरों और वैज्ञानिकों की मौत हुई, जिनमें IRGC एयरफोर्स प्रमुख आमिर अली हाजीजादेह और अयातुल्लाखामेनेई के करीबी अली शामखानी भी शामिल थे।
ईरान का जवाब – ‘ट्रू प्रॉमिस थ्री’
एक दिन बाद, 14 जून को ईरान ने ‘True Promise 3’ नाम से जवाबी कार्रवाई की। ईरान ने सैकड़ों मिसाइलें दागीं, जिसके बाद दोनों देशों केबीच लगातार मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू हो गए।
22 जून को अमेरिका भी युद्ध में शामिल हुआ और ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित परमाणु ठिकानों पर हमले किए। इस ऑपरेशन में B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स ने बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया।
एयरस्पेस बंद होने के पीछे की मुख्य वजह
23 जून की रात ईरान ने अमेरिकी मिलिट्री बेस पर मिसाइलें दागीं, जिसके बाद कई खाड़ी देशों ने एयरस्पेस बंद कर दिया। इस फैसले ने भारत सेमध्य पूर्व के लिए चलने वाली उड़ानों को बुरी तरह प्रभावित किया।
युद्ध में नरमी के संकेत
24 जून को इस संघर्ष का 12वां दिन है। अब तक इजराइल में 29 लोगों की मौत और 900 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं, वहीं ईरान में 657 मौतें और 2000 से अधिक घायल होने की पुष्टि हो चुकी है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले रोकने की घोषणा करते हुए कहा कि”हमारा उद्देश्य पूरा हो गया है”। यह निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की युद्धविराम की अपील के बाद आया। हालांकि, ईरान की तरफ से अभीतक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।