
पश्चिम एशिया में जारी ईरान-इजरायल तनाव के बीच अमेरिका ने शुक्रवार तड़के ईरान पर सीधी सैन्य कार्रवाई करते हुए उसके तीन प्रमुख परमाणुठिकानों पर बमबारी की। अमेरिकी वायुसेना ने यह ऑपरेशन स्थानीय समयानुसार सुबह 4:30 बजे अंजाम दिया। मिशन के दौरान अमेरिकी लड़ाकूविमान बिना किसी नुकसान के लौट आए।
यह सैन्य कार्रवाई एक निर्णायक सफलता
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमले के तुरंत बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकना औरवैश्विक सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।” उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर ईरान ने रुख नहीं बदला, तो हम और ठिकानों को निशाना बनाएंगे।”
परमाणु अधिकार से पीछे नहीं हटेंगे
ईरान के राष्ट्रपति ने अमेरिका की कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया और कहा कि उनका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्य के लिएहै। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ईरान के संप्रभु अधिकार को मान्यता देने की अपील की।
तनाव की पृष्ठभूमि में आया हमला
पिछले कुछ हफ्तों से ईरान और इजरायल के बीच सैन्य झड़पें लगातार बढ़ रही थीं। इजरायल पहले ही ईरान के सैन्य ठिकानों को निशाना बना चुकाहै। अमेरिका का यह हमला इजरायल के साथ सैन्य समन्वय का हिस्सा माना जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय जगत में चिंता, प्रतिक्रियाओं की बौछार
हमले के बाद कई देशों ने क्षेत्रीय स्थिरता पर चिंता जताई है। अमेरिका के कुछ मित्र देशों ने इसे समर्थन में कदम बताया, जबकि अन्य ने आलोचनाकरते हुए संयम बरतने की सलाह दी। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिका ने इस ऑपरेशन में B-2 स्टील्थ बमवर्षकों का प्रयोग किया, जो गहरेभूमिगत बंकरों को नष्ट करने में सक्षम हैं।
इजरायल ने जताया समर्थन, ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई की आशंका
इजरायल ने अमेरिका की कार्रवाई को “सुरक्षा की दिशा में निर्णायक कदम” बताया और राष्ट्रपति ट्रम्प का आभार जताया। वहीं क्षेत्रीय विश्लेषकों कामानना है कि ईरान की ओर से जल्द जवाबी हमला या साइबर प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है, जिससे मध्य पूर्व में अशांति और बढ़ सकती है।