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जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने श्री अमरेश्वर धाम (श्री अमरनाथ गुफा) की वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान सुरक्षा को चाक-चौबंद करने के लिए बड़ा फैसलालिया है। प्रशासन ने 1 जुलाई से 10 अगस्त 2025 तक सम्पूर्ण यात्रा मार्ग को ‘नो फ्लाइंग ज़ोन’ घोषित कर दिया है। इस दौरान आम लोगों द्वाराकिसी भी प्रकार के ड्रोन, यूएवी, या गुब्बारे उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। केवल सुरक्षा एजेंसियों को निगरानी और राहत कार्यों हेतु ड्रोन के उपयोग कीअनुमति दी जाएगी।

सभी मार्ग और शिविर क्षेत्र प्रतिबंधित दायरे में
सरकारी आदेश के अनुसार, यह निर्णय श्री अमरनाथ यात्रा के दोनों प्रमुख मार्गों—पहलगाम और बालटाल अक्ष—पर लागू होगा। इसके तहत यात्रामार्गों, सभी यात्रियों के शिविरों और उनके आसपास के क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की उड़ान गतिविधि निषिद्ध होगी। हालांकि, आपदा प्रबंधन, मेडिकलइवैक्यूएशन और सुरक्षा बलों की निगरानी जैसी आवश्यक सेवाओं को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है। इन अपवादों के लिए एक विस्तृत एसओपीअलग से जारी किया जाएगा।

सुरक्षा रणनीति में चेहरा पहचानने वाली तकनीक शामिल
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इस वर्ष, श्रीनगर सेबालटाल और पहलगाम मार्ग पर फेशियल रिकग्निशन सिस्टम (FRS) तैनात किया गया है। यह प्रणाली निगरानी कैमरों से मिली फुटेज के आधारपर संदिग्ध या ब्लैकलिस्टेड व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने में मदद करती है। जैसे ही कोई चिह्नित व्यक्ति सिस्टम में पकड़ा जाता है, अलर्टजारी कर सुरक्षा बलों को सतर्क किया जाता है।

सीसीटीवी निगरानी और अतिरिक्त फोर्स की तैनाती
हर रूट पर हजारों सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो लगातार निगरानी कर रहे हैं। साथ ही, यात्रा की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। यह पूरा सुरक्षा कवच अप्रैल में हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में तीर्थयात्रियों की रक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तैयारकिया गया है।
केंद्र सरकार की सिफारिश पर लिया गया निर्णय
जम्मू-कश्मीर गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय की सिफारिश पर यह निर्णय लिया गया है। आदेश में यह भी बताया गयाकि यात्रा को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए सभी हितधारकों के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा कर अतिरिक्त लॉजिस्टिकव्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।

तीर्थयात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त तक
इस वर्ष श्री अमरेश्वर धाम की यात्रा 3 जुलाई से आरंभ होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगी। इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं के जम्मू-कश्मीर पहुंचने कीसंभावना है, जिसके मद्देनज़र प्रशासन ने यात्रा को सुरक्षित और शांतिपूर्ण रूप से संपन्न कराने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं।

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