ईरान और इज़राइल के बीच जारी तनाव के बीच तुर्किए ने खुद को एक प्रभावशाली बिचौलिये के रूप में प्रस्तुत करना शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति रेसेपतैयप एर्दोगन विभिन्न देशों के नेताओं से लगातार संपर्क में हैं और क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। अब तक तुर्कीसरकार अमेरिका, रूस और कुवैत समेत छह देशों के साथ वार्ता कर चुकी है। साथ ही तुर्की के विदेश मंत्री दक्षिण-पूर्व यूरोपियन ईस्ट समिट में भीपहुंचे हैं, जहां माना जा रहा है कि वे एक बार फिर ईरान को शांत करने की तुर्की की प्रतिबद्धता दोहराएंगे।
कुवैत, इराक और ओमान से संपर्क
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने अमेरिका के साथ-साथ कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल अहमद अल जबर अल सबा से भी टेलीफोनिक बातचीत की।इस चर्चा में इज़राइल और ईरान के बीच तनाव पर फोकस रहा। तुर्की के संचार निदेशालय के अनुसार, एर्दोगन ने स्पष्ट किया कि इज़राइल के हमलेक्षेत्रीय स्थिरता को गंभीर खतरे में डालते हैं।
इसके अलावा, एर्दोगन ने इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी से भी बात की और उन्हें इस संघर्ष से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने आतंकीसंगठनों की सक्रियता को देखते हुए सतर्क रहने की बात भी कही। ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक से भी मिडिल ईस्ट में शांति की आवश्यकताको लेकर चर्चा हुई।
रूस और ब्रिटेन के साथ कूटनीतिक संवाद
तुर्की के विदेश मंत्री हकान फिदान ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से टेलीफोन पर बातचीत की, जिसमें उन्होंने मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव औरउसके अंतरराष्ट्रीय असर पर चिंता जताई। इससे पहले उन्होंने ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी से भी बात की थी, जहां उन्होंने तत्काल संघर्षविरामकी अपील करते हुए परमाणु समझौते की दिशा में राजनयिक प्रयासों की वकालत की।
पहले भी निभाई है अहम मध्यस्थ भूमिका
तुर्किए इससे पहले भी वैश्विक संकटों में मध्यस्थता की भूमिका निभा चुका है। मार्च 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के तुरंत बाद तुर्की ने दोनों देशोंके विदेश मंत्रियों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। सितंबर 2022 में कैदियों की अदला-बदली भी तुर्की की मध्यस्थता से संभव हो सकीथी।
इसी तरह अक्टूबर 2023 में इज़राइल-हमास संघर्ष के दौरान भी तुर्किए ने मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया था। सूडान में जारी संघर्ष में भी तुर्की ने शांतिप्रयासों की पहल की थी। मई 2025 में एक बार फिर तुर्की ने रूस-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थता करने की मंशा जाहिर की है।